Tuesday, April 30, 2024
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इस साल सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हुए 49 हजार से अधिक मामले, 52 ,191 मामलों में सुनाया गया फैसला

साल खत्म होने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि 15 दिसंबर 2023 तक उसके पास 49,191 मामले आए। इसके साथ ही कोर्ट इतने समय तक 52,191 मामलों का निपटारा किया।

Sudhanshu Gaur Edited By: Sudhanshu Gaur @SudhanshuGaur24
Updated on: December 22, 2023 12:56 IST
Supreme Court- India TV Hindi
Image Source : FILE सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: भारत के न्याय तंत्र में 3 करोड़ से अधिक मामले फैसले का इंतजार कर रहे हैं। कई मामले तो आजादी के समय से अदालतों में दाखिल और फैसले की बाह जोट रहे हैं। भारतीय न्याय तंत्र के बारे में कहा जाता है कि एक बार आपका मामला कोर्ट-कचहरी में पहुंच गया तो आप जिन्दगी भर यहां के चक्कर लगाएंगे। हालांकि वर्तमान समय में यह तस्वीर बदलती हुई दिख रही है। इसका एक नमूना साल 2023 में देखने को मिला है।

इस साल कई अहम मामलों में सुनाया गया फैसला 

साल 2023 में सुप्रीम कोर्ट ने 52,191 मामलों का निपटारा किया है, जिनमें पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधान खत्म करने के केंद्र के फैसले को मंजूरी देने वाली ऐतिहासिक व्यवस्था तथा समलैंगिक विवाहों को कानूनी मान्यता देने से इनकार करना शामिल है। शीर्ष अदालत द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, निपटाए गए मामलों की संख्या पूरे वर्ष के दौरान इसकी रजिस्ट्री में दायर किए गए 49,191 मामलों से 3,000 अधिक रही। 

साल में दर्ज मामलों से अधिक हुए निपटारे 

न्यायालय की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, "एक और उपलब्धि में, भारत के उच्चतम न्यायालय ने एक जनवरी, 2023 से 15 दिसंबर, 2023 तक 52,191 मामलों का निपटारा किया। इनमें 45,642 विविध मामले और लगभग 6,549 नियमित मामले शामिल हैं।’’ विज्ञप्ति में कहा गया है ‘‘वर्ष 2023 में कुल 49,191 मामले पंजीकृत हुए और 52,191 का निपटारा किया गया। इससे पता चलता है कि इस वर्ष उच्चतम न्यायालय ने 2023 के दौरान दर्ज मामलों की तुलना में अधिक मामलों का निपटान किया।’’ 

आईसीएमआईएस से हुआ बड़ा बदलाव 

वर्ष 2017 में आईसीएमआईएस (इंटीग्रेटेड केस मैनेजमेंट इंफॉर्मेशन सिस्टम) लागू होने के बाद से, 2023 में सर्वाधिक मामलों का निपटारा किया गया है। विज्ञप्ति में कहा गया है कि भारत के प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने मामलों को दाखिल करने और सूचीबद्ध करने के लिए आवश्यक समय-सीमा को दुरुस्त किया है। विज्ञप्ति में कहा गया है ‘‘उनके कार्यकाल में, मामलों को सूचीबद्ध करने की प्रक्रिया में उल्लेखनीय बदलाव आया। मामले के सत्यापन के बाद सूचीबद्ध होने तथा दाखिल करने तक का समय 10 दिन से घटाकर सात से पांच दिन कर दिया गया है।’’ 

इसमें कहा गया है ‘‘इसके अतिरिक्त, उच्चतम न्यायालय ने मामलों की अधिक संख्या को देखते हुए विभिन्न कदम उठाए जिससे कानूनी विवादों के समाधान में तेजी आई। मामलों की विशिष्ट श्रेणियों को देखते हुए निपटारे के लिए विशेष पीठों का गठन किया गया, जिससे अधिक विशिष्ट और कुशल न्याय प्रक्रिया को बढ़ावा मिला।’’ 

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