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तिरुपति बालाजी लड्डू विवाद: कैसे बाहर हुई थी सरकारी डेयरी कंपनी, फिर कब दिया गया प्राइवेट कंपनी को ऑर्डर?

तिरुपति बालाजी लड्डू विवाद से देशवासियों में उबाल देखने को मिल रहा है। ये मुद्दा अब दिल्ली तक पहुंच चुका है। ऐसे में इसके विवाद को सिलसिलेवार तरीके से समझना बेहद जरूरी है।

Reported By : T Raghavan Edited By : Shailendra Tiwari Published : Sep 20, 2024 17:15 IST, Updated : Sep 20, 2024 18:04 IST
तिरुपति बालाजी लड्डू विवाद- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA तिरुपति बालाजी लड्डू विवाद

तिरुपति बाला जी प्रसादम को लेकर देशभर में रोष देखने को मिल रहा है, इस विवाद ने देश में मंदिरों के प्रसादों की क्वालिटी को लेकर भी भक्तों के मन में सवाल डाल दिए हैं। इसी बीच खबर आ रही कि जुलाई 2023 में सरकारी डेयरी कंपनी को यह ठेका न देकर तत्कालीन सरकार ने एक टेंडर निकाला, जिसके जरिए एक प्राइवेट कंपनी को इसका ठेका दिया गया। हालांकि मंदिर प्रशासन की ओर से बार-बार लड्डू के स्वाद व क्वालिटी को लेकर शिकायत की गई, फिर इस पर चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने संज्ञान लिया और इसे लैब टेस्ट के लिए भेजा।

सिलसिलेवार तरीके से समझें कैसे हुआ ये कांड?

लैब टेस्ट की रिपोर्ट में लड्डू में फिश ऑयल, बीफ फैट और एनिमल टैलो के अंश पाए गए। जिसके बाद इस मामले ने देश में एक नई बहस छेड़ दी है। ऐसे में आइए समझते हैं कि कैसे सरकारी डेयरी कंपनी ने घी सप्लाई करने से इनकार कर दिया था। बात 2023 की है जब सरकारी डेयरी कर्नाटक मिल्क फेडरेशन ने 320 रुपये की कीमत पर घी सप्लाई करने से इनकार कर दिया और टेंडर से बाहर हो गई, तो सरकार ने टेंडर निकाला। इसमें कई कंपनियों ने भाग लिया, लेकिन इन टेंडर में 5 निजी कम्पनियों को सप्लाई का ठेका दिया गया। इन पांच कंपनियों में से एक तमिलनाडु की एक कंपनी AR डेयरी एंड एग्रो फूड्स ने 320 रुपये लीटर घी देने का टेंडर दिया उसका टेंडर स्वीकार कर लिया गया। 

फिर 12 मार्च 2024 को टेंडर सबमिट किया गया। इसके बाद 8 मई 2024 को टेंडर होनर कर दिया गया और 15 मई 2024 को सप्लाई आर्डर दे दिया गया। फिर 20 दिन के बाद AR डेयरी एंड एग्रो फूड्स कंपनी ने तिरुपति बाला जी मंदिर में घी सप्लाई शुरू कर दी। इस कंपनी ने कुल 10 घी के टैंकर्स सप्लाई किए हैं, इनमें से 6 इस्तेमाल किया गया।

कैसे सामने आया मामला?

जब सत्ता बदल गई तो इस बात की शिकायत आई कि लड्डू के स्वाद और गुणवत्ता में कमी आई। इसके बाद TTD ने एक एक्सपर्ट कमेटी का गठन किया कमेटी ने सभी 5 सप्लायर्स के घी को टेस्ट करने के लिए कहा। AR डेयरी एन्ड एग्रो फ़ूड के सैम्पल में इंटरनल तौर पर गड़बड़ी पाई गई। जिसके बाद बचे हुए 4 टैंकर्स को अलग कर दिया गया और इनमें से 2 टैंकर के सैम्पल को 6 जुलाई और बाकी 2 टैंकर के सैम्पल को 12 जुलाई को गुजरात के नेशनल डेयरी डेवेलपमेंट बोर्ड के लैब में टेस्ट के लिए भेजा गया, जहां से जो रिज़ल्ट आया उसने सबको हैरान कर दिया।

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