Sunday, May 05, 2024
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Kedarnath Tragedy: आपबीती याद कर भावुक हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे, लाशों के बीच बिताई थी रात

उत्तराखंड में कुदरत के कहर से बचकर अश्विनी चौबे सही-सलामत लौट आए थे। केदारनाथ से सकुशल लौटने के बाद चौबे ने देहरादून में कहा था कि केदारनाथ मंदिर श्मशान में तबदील हो चुका है। मैंने और मेरे परिवार ने खुद लाशों के बीच दो दिन गुजारे हैं कई लोगों ने तीन दिन के बाद सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ दिया।

Khushbu Rawal Edited By: Khushbu Rawal @khushburawal2
Published on: September 21, 2022 19:51 IST
Ashwini Kumar Choubey- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Ashwini Kumar Choubey

Kedarnath Tragedy: केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे बुधवार को उस वाकये को याद करके भावुक हो गए जब वह और उनका आधा परिवार जून 2013 में केदारनाथ में आई बाढ़ में जीवित बचे थे। चौबे ने नई दिल्ली में टिकाऊपन या निरंतरता (सस्टेनेबिलिटी) पर CII के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वह केवल यह देख नहीं रहे कि जलवायु परिवर्तन का दुनिया पर कैसा असर होता है, बल्कि वह खुद इस त्रासदी से गुजरे हैं और केदारनाथ की भयावह आपदा में उनके परिवार के कुछ सदस्यों की जान चली गई थी।

17 लोग दर्शन करने गए थे लेकिन 8 ही सुरक्षित लौटे

मंत्री ने बताया कि जिस समय केदारनाथ में अचानक बाढ़ आई तब वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ दर्शन करने गए थे। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने उस त्रासदी में खोया है और हासिल भी किया है। मुझे अपने परिवार के आधे सदस्यों को खोना पड़ा। हम चार दिन तक मंदिर के गर्भगृह में बिना खाना और पानी के रहे। मैंने आपदा को सहा है।’’ चौबे ने रुंधे गले से कहा, ‘‘मुझे नहीं पता कि भगवान ने मेरे परिवार की तीसरी पीढ़ी के सदस्यों को कैसे बचाया। हम 17 लोग मंदिर दर्शन करने गए थे लेकिन उनमें से 8 ही सुरक्षित लौटे। मैं, मेरी पत्नी, दो बेटे, दोनों पुत्रवधू और दो पोते।’’

कुदरत के कहर से बचकर लौटे थे चौबे
बता दें कि उत्तराखंड में कुदरत के कहर से बचकर मंत्रीजी सही-सलामत लौट आए थे। केदारनाथ से सकुशल लौटने के बाद चौबे ने देहरादून में कहा था कि ''केदारनाथ मंदिर श्मशान में तबदील हो चुका है। मैंने और मेरे परिवार ने खुद लाशों के बीच दो दिन गुजारे हैं कई लोगों ने तीन दिन के बाद सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ दिया। वहां दवा, कपड़े और खाने का कोई इंतजाम नहीं था।''

निजी क्षेत्र के लोगों से जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने के लिए कार्रवाई करने का आग्रह करते हुए चौबे ने कहा कि वैश्विक तापमान वृद्धि दुनिया को प्रभावित कर रही है और प्रकृति को बचाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पेरिस समझौते से लेकर ग्लासगो जलवायु संधि तक पूरी दुनिया इस समय टिकाऊ विकास पर ध्यान दे रही है। खाद्य सचिव सुधांशु पांडेय ने कार्यक्रम में कहा कि जलवायु परिवर्तन और टिकाऊ विकास अब केवल अकादमिक मुद्दे नहीं रहे और ये हमारे बिल्कुल सामने आकर खड़े हैं।

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