Thursday, April 25, 2024
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ममता सरकार को बड़ा झटका, कलकत्ता हाईकोर्ट ने बीजेपी की लोकतंत्र बचाओ यात्रा को दी हरी झंडी

अदालत ने कहा कि आप कल्पना के जरिए डर को वजह नहीं बना सकते हैं। आप कल्पना के जरिए या किसी दूसरे राज्य में क्या हो रहा है उस आधार पर सांप्रदायिक हिंसा के कयास नहीं लगा सकते हैं। लोकतंत्र में सभी राजनीतिक दलों को अपनी बात रखने और कहने का अधिकार होता है, ऐसे में कोई भी सरकार किसी पार्टी के बुनियादी अधिकारों पर हमला नहीं कर सकती है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 20, 2018 14:43 IST
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ममता सरकार को बड़ा झटका, कलकत्ता हाईकोर्ट ने बीजेपी की लोकतंत्र बचाओ यात्रा को दी हरी झंडी

नई दिल्ली: बीजेपी की लोकतंत्र बचाओ यात्रा को कलकत्ता उच्च न्यायालय से हरी झंडी मिल गई है। अदालत ने कड़ी टिप्पणी करते हुए ममता बनर्जी सरकार की दलीलों को मानने से इंकार कर दिया। अदालत ने कहा कि आप कल्पना के जरिए डर को वजह नहीं बना सकते हैं। आप कल्पना के जरिए या किसी दूसरे राज्य में क्या हो रहा है उस आधार पर सांप्रदायिक हिंसा के कयास नहीं लगा सकते हैं। लोकतंत्र में सभी राजनीतिक दलों को अपनी बात रखने और कहने का अधिकार होता है, ऐसे में कोई भी सरकार किसी पार्टी के बुनियादी अधिकारों पर हमला नहीं कर सकती है।

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इससे पहले ममता सरकार ने बुधवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय से कहा था कि साम्प्रदायिक सौहार्द्र में खलल पड़ने का अंदेशा जताने वाली खुफिया रिपोर्ट राज्य में भाजपा की रथ यात्रा रैलियों को इजाजत देने से इनकार करने की वजह थी। वहीं, भाजपा के वकील एस. के. कपूर ने आरोप लगाया कि इसके लिए इजाजत देने से इनकार करना पूर्व निर्धारित और इसका कोई आधार नहीं था। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के जमाने में महात्मा गांधी ने दांडी मार्च किया और किसी ने उन्हें नहीं रोका लेकिन अब यहां सरकार कहती है कि वह एक राजनीतिक रैली निकालने की इजाजत नहीं देगी।

इस विषय पर बृहस्पतिवार को फिर से सुनवाई होगी। दरअसल, न्यायमूर्ति तपब्रत चक्रवर्ती ने कहा कि वह भाजपा द्वारा दी गई याचिका पर एक आदेश जारी करेंगे। याचिका के जरिए पार्टी ने अपनी रैली को इजाजत देने से इनकार करने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीत तृणमूल कांग्रेस सरकार के कदम को चुनौती दी है। कपूर ने अदालत से कहा कि राज्य सरकार ने अपने दावे के समर्थन में कोई वस्तुनिष्ठ तथ्य नहीं रखा है और वह रैली करने से एक रजनीतिक दल को रोक रही है जबकि संविधान यह अधिकार देता है।

महाधिवक्ता किशोर दत्ता ने अदालत को एक सीलबंद रिपोर्ट सौंपी और कहा कि भाजपा की विवरणिका में यात्रा को प्रकाशित करना साम्प्रदायिक रूप से संवेदनशील प्रकृति का है। उन्होंने दलील दी कि प्रशासनिक फैसले में अदालत के पास न्यायिक समीक्षा करने का सीमित दायरा है। उन्होंने कहा कि 2017 से पश्चिम बंगाल में विभिन्न राजनीतिक रैलियों और सभाओं के लिए 2100 इजाजत दी गई लेकिन इस मामले में अंदेशे के चलते रथ यात्रा की इजाजत नहीं दी गई।

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