Wednesday, April 24, 2024
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चाचा से नहीं हुई चिराग की मुलाकात, पशुपति पारस को 'बागियों' ने चुना संसदीय दल का नेता

पार्टी में हुए इस घटनाक्रम के बाद चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति पारस पासवान के घर पहुंचे। चिराग खुद गाड़ी चलाकर पशुपति पारस के घर पहुंचे, लेकिन काफी देर तक पशुपति पारस के घर का दरवाजा नहीं खुला।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: June 14, 2021 14:24 IST

नई दिल्ली. LJP में जमकर बवाल चल रहा है। रामविलास पासवान के भाई पशुपति पारस पासवान ने पार्टी के चार अन्य सांसदों के साथ मिलकर चिराग पासवान के खिलाफ 'बगावत' कर दी है। पार्टी में हुए इस घटनाक्रम के बाद चिराग पासवान अपने चाचा पशुपति पारस पासवान के घर पहुंचे, काफी देर बाद उन्हें चार के घर में एंट्री मिली लेकिन उससे पहले ही पशुपति पारस पासवान घर से निकल चुके थे जिस वजह से चिराग की उनसे मुलाकात नहीं हो पाई।

चिराग खुद कार ड्राइव कर अपने चाचा के घर पर पहुंचे थे। चिराग ने एक  घंटे से ज्यादा का समय अपने चाचा के घर पर बिताया। इस बीच खबर ये है कि पशुपति पारस पासवान चुनाव आयोग के दफ्तर जाएंगे। पशुपति पारस पासवान को एलजेपी के बागी गुट द्वारा पार्टी के संसदीय दल का नेता चुना गया है। एलजेपी के ये पांचों सांसद दोपहर 3 बजे लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से मुलाकात करेंगे।

पशुपति बोले- मैंने पार्टी तोड़ी नहीं, बचाई है

इससे पहले आज पशुपति पारस पासवान ने मीडिया से बातचीत की। उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी को तोड़ा नहीं, पार्टी को बचाया है। वो बिहार के सीएम नीतीश कुमार को विकास पुरुष मानते हैं और एनडीए गठबंधन में बने रहना चाहते हैं। उन्होंने इस दौरान जेडीयू में विलय की सभी बातों को पूरी तरह से खारिज कर दिया।

लोकजनशक्ति पार्टी में मचे बवाल पर पशुपति पासवान ने कहा, "बहुत अच्छे तरीके से पार्टी चल रही थी, कहीं भी कोई शिकवा-शिकन नहीं थी। मेरा दुर्भाग्य कहिए कि हमारे बड़े भाई और छोटे भाई दोनों हमको छोड़कर चले गए। मैं अकेला महसूस कर रहा हूं। मैं अकेला रह गया हूं। पार्टी की बागडोर जिनके हाथ में गई, पार्टी के 99% कार्यकर्ता, सांसद, विधायक औऱ जो हमारी पार्टी के समर्थक लोग थे, सभी लोगों की इच्छा थी कि हम 2014 में NDA गठबंधन का हिस्सा बनें और इसबार भी बिहार विधानसभा चुनाव में NDA गठबंधन का हिस्सा बने रहें।"

पशुपति ने ये भी कहा, "हमारे दल में 6 सांसद हैं। पांच सांसदों की इच्छा थी 6 महीने से कि हमारी पार्टी का अस्तित्व खत्म हो रहा है, इस पार्टी को बचा लिया जाए। मैंने पार्टी तोड़ी नहीं है, मैंने पार्टी बचाई है। चिराग पासवान हमारे भतीजे हैं, हमारी पार्टी के अभी तक राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। मुझको कोई आपत्ति नहीं है, वो दल में रहें, मुझे उनसे कोई शिकवा नहीं है। मैंने पार्टी तोड़ी नहीं है। जो लोग भी किसी वजह से हमारी पार्टी से नाराज होकर चले गए हैं, मैं उनसे माफी मांगता हूं कि वो वापस आए और पार्टी की सदस्यता ग्रहण करें।"

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