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CVC से बोली कांग्रेस- राफेल डील में भ्रष्टाचार हुआ, FIR दर्ज कर सारे रिकॉर्ड की छानबीन की जाए

सीवीसी को सौंप ज्ञापन में राफेल सौदे से जुड़ा ब्यौरा देते हुए कांग्रेस ने कहा, भारत सरकार सरकारी खजाने को 41,205 करोड़ रुपये की चपत लगाने की दोषी है।

Edited by: India TV News Desk
Published : September 24, 2018 16:08 IST
anand sharma- India TV Hindi
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा

नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने राफेल मामले में सोमवार को केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (CVC) के वी चौधरी से मुलाकात की और कहा कि यह ‘रक्षा क्षेत्र का सबसे बड़ा घोटाला’ है और इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर सारे रिकॉर्ड की छानबीन की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि इस विमान सौदे से जुड़े सारे कागाजात और फाइलें जब्त की जाएं क्योंकि इनको नष्ट किए जाने की आशंका है।

सीवीसी से मुलाकात के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने सीवीसी से मुलाकात की और उन्हें विस्तृत ज्ञापन सौंपा। यह भारत में रक्षा खरीद का सबसे बड़े घोटाला है। यह विमान सौदा प्रधानमंत्री का एकतरफा फैसला था। सुरक्षा मामले की कैबिनेट समिति की अनुमति के बगैर उन्होंने सौदा बदला। इसमें रक्षा खरीद प्रक्रिया का उल्लंघन हुआ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार झूठ बोल रही है और छिप रही है। हमने मांग की है कि प्राथमिकी दर्ज की जाए। सारे कागजात और फाइलें जब्त की जाएं। आशंका यह है कि कागजात और फाइलें नष्ट की जा सकती हैं। इसलिए सीवीसी तत्काल कदम उठाए।’’

सीवीसी को ज्ञापन में राफेल सौदे से जुड़ा ब्यौरा देते हुए कांग्रेस ने कहा, ‘‘भारत सरकार सरकारी खजाने को 41,205 करोड़ रुपये की चपत लगाने की दोषी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘कानून के तहत सरकार बाध्य हे कि वह सीवीसी की पूरा सूचना प्रदान करे। हम आग्रह करते हैं कि सीवीसी अपना विधायी कर्तव्य का निर्वहन करते हुए भ्रष्टाचार, सांठगांठ वाले पूंजीवाद (क्रोनी कैपिटलिज्म), कानून एवं प्रक्रिया के उल्लंघन तथा सरकारी खजाने को हुए नुकसान’ की बात जल्द से जल्द सार्वजनिक हो सके।’’

सीवीसी से मुलाकात करने वाले कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, पार्टी के कोषाध्यक्ष अहमद पटेल, वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, रणदीप सुरजेवाला, जयराम रमेश, अभिषेक मनु सिंघवी, मनीष तिवारी, विवेक तन्खा, प्रमोद तिवारी और प्रणव झा शामिल थे।

पिछले सप्ताह कांग्रेस ने देश के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (कैग) से मुलाकात की थी। पार्टी ने कैग से सौदे में कथित अनियमितता पर एक रिपोर्ट तैयार करने और उसे संसद में पेश किए जाने का अनुरोध किया था।

दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी पिछले कई महीनों से यह आरोप लगाते आ रहे हैं कि मोदी सरकार ने फ्रांस की कंपनी दसाल्ट से 36 राफेल लड़ाकू विमान की खरीद का जो सौदा किया है, उसका मूल्य पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में विमानों की दर को लेकर बनी सहमति की तुलना में बहुत अधिक है। इससे सरकारी खजाने को हजारों करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। पार्टी ने यह भी दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सौदे को बदलवाया और एचएएल से ठेका लेकर रिलायंस डिफेंस को दिया गया।

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