Friday, April 19, 2024
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राफेल डील अगर सस्ती है तो सरकार ने 126 की जगह 36 विमान क्यों खरीदे? कांग्रेस नेता एके एंटनी ने उठाया सवाल

एके एंटनी ने सवाल किया कि आखिर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से बचकर सरकार क्या छिपाने की कोशिश कर रही है?

Manoj Kumar Reported by: Manoj Kumar @kumarman145
Published on: September 18, 2018 17:00 IST
If your deal is cheaper, why buy only 36 Rafale jets, former defence minister AK Antony rises questi- India TV Hindi
Image Source : PTI If your deal is cheaper, why buy only 36 Rafale jets, former defence minister AK Antony rises questions

नई दिल्ली। कांग्रेस ने मंगलवार को राफेल विमान सौदे में ‘प्रक्रियाओं का उल्लंघन’ करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने सवाल किया कि आखिर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से बचकर सरकार क्या छिपाने की कोशिश कर रही है? 

एंटनी ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की विनिर्माण क्षमता पर सवाल उठाने संबंधी सीतारमण के कथित बयान का उल्लेख करते हुए उन पर हमला बोला और आरोप लगाया कि वह इस तरह के बयान से सारर्वजनिक क्षेत्र के इस उपक्रम की छवि खराब करने का प्रयास रह रही हैं। एंटनी ने संवाददाताओं से कहा कि यह सरकार कह रही है कि उसका सौदा सस्ता है, अगर ऐसा है तो उन्होंने सिर्फ 36 विमान क्यों खरीदे हैं, जबकि वायुसेना की तत्काल जरूरत 126 विमानों की है।

उन्होंने आरोप लगाया कि विमानों एवं हथियारों की जरूरत का फैसला रक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद (DAC) करती है। परंतु प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस जाकर 126 विमानों के सौदे को 36 विमानों के सौदे में तब्दील कर दिया। प्रधानमंत्री ने रक्षा खरीद प्रक्रियाओं का स्पष्ट रूप से उल्लंघन किया है। एंटनी ने कहा कि रक्षा मंत्री कह रही हैं कि HAL की विनिर्माण क्षमता इतनी नहीं है कि वह 36 राफेल विमानों का विनिर्माण कर सके। इस तरह के बयान देकर वह सार्वजनिक क्षेत्र की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित कंपनी की छवि खराब करने की कोशिश कर रही हैं।

संप्रग सरकार के समय राफेल सौदे पर विराम लगाए जाने संबंधी सत्तापक्ष के आरोप पर एंटनी ने कहा कि उस वक्त ‘लाइफ साइकिल कॉस्ट’ पर वित्त मंत्रालय के कुछ सवाल थे और भाजपा के एक वरिष्ठ नेता सहित कई नेताओं ने भी इस पर आपत्ति जताई थी जिस वजह से सौदे में विलंब हुआ। उन्होंने कहा कि वायुसेना ने 2000 में 126 विमानों की जरूरत बताई थी, लेकिन अब इतने विमान शायद 2030 तक ही उपलब्ध हो पाएं क्योंकि इस सरकार ने राफेल के 126 विमानों के सौदे को 36 विमानों का सौदा कर दिया। एंटनी ने JPC की जांच की मांग दोहराते हुए कहा कि सरकार आखिर JPC की जांच से क्यों भाग रही है? इससे तो यही लगता है कि प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री तथ्यों को छिपाना चाहते हैं। 

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