वक्फ संशोधन बिल को संसद में पेश किया गया था, लेकिन विरोध के बाद इसे जेपीसी के पास भेज दिया गया है। संसद की संयुक्त समिति इस पर चर्चा कर रही है। इस बीच लोगों से इस बिल को लेकर सुझाव और राय मांगी गई है।
मुस्लिम संगठनों ने एक खास QR कोड बनाया गया है, जिसकी मदद से सीधे उस पेज पर जाया जा सकता है, जहां इस बिल के खिलाफ अपनी राय दर्ज की जा सके। आल इंडिया मिल्ली काउंसिल ने बीते शुक्रवार को बेंगलुरू में इस सिलसिले में एक मीटिंग का आयोजन किया।
संसद की संयुक्त समिति के सुझाव मांगने के बाद दिल्ली से एक वीडियो सामने आया है, जिसमें युवकों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि अगर यह कानून आया तो आपसे आपकी मस्जिदें, ईदगाह और कब्रिस्तान छीन लिए जाएंगे।
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर विचार विमर्श के लिए JPC की दूसरी बैठक में भी जमकर हंगामा हुआ और मुस्लिम संगठनों ने इस बिल का जोरदार विरोध किया।
वक्फ बिल को लेकर हाल ही में जेपीसी का गठन किया गया है। इस जेपीसी में कुल 31 सदस्य हैं। JPC में लोकसभा के 21 सांसद और राज्यसभा के 10 सांसदों के नाम हैं।
वक्फ बिल पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने JPC का गठन किया है। इस JPC में 31 सांसद रहेंगे। JPC में लोकसभा के 21 सांसद और राज्यसभा के 10 सांसद रहेंगे।
असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि बिल को जेपीसी में भेजा गया है, वहां क्या होगा, क्या मालूम। उन्होंने एक पोस्ट में लिखा कि वक्फ अमेंडमेंट बिल, 2024 मुल्क को बांटने के लिए लाया गया है, जोड़ने के लिए नहीं, आप मुसलमानों के दुश्मन हैं, यह बिल इस बात का सबूत है। उन्होंने लोकसभा में अपने भाषण की एक क्लिप भी सोशल मीडिया पर शेयर की।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पवार और उनकी पार्टी सावरकर हो, ईवीएम हो या मोदी की डिग्री हो, उस पर अलग राय रख रही है।
Gautam Adani Row: अपना मार्च रोके जाने के बाद विपक्षी दलों ने ED को खत भेजा है, जिसमें Adani Group पर लगे आरोपों की जांच करने की मांग की गई है। Delhi Police ने धारा 144 लगने के कारण विपक्ष को मार्च की इजाजत नहीं दी।#gautamadani #ed #indiatv
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राफेल सौदे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित करने की मांग बुधवार को खारिज दिया।
जेपीसी की मांग को खारिज करते हुए जेटली ने कहा कि इसमें संयुक्त संसदीय समिति नहीं हो सकती है, यह नीतिगत विषय नहीं है
चिदंबरम ने कहा कि 2019 के आम चुनाव में राफेल एक महत्वपूर्ण मुद्दा होगा, साथ ही यह हाल में हुए छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान विधानसभा चुनावों में भी एक जीवंत मुद्दा था।
गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र के पहले चार दिन राफेल और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं। जेटली ने कहा कि विपक्षी कांग्रेस संसद के शेष सत्र में राफेल पर चर्चा के बजाय हंगामा करना चाहेगी।
एके एंटनी ने सवाल किया कि आखिर संयुक्त संसदीय समिति (JPC) से बचकर सरकार क्या छिपाने की कोशिश कर रही है?
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