Saturday, April 20, 2024
Advertisement

राज्यसभा जाने के बाद मोदी सरकार के कैबिनेट विस्तार पर टिकी सिंधिया की निगाह

कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने के बाद मध्य प्रदेश से राज्यसभा की सीट जीत चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया की निगाह अब मोदी सरकार के आगामी कैबिनेट विस्तार पर टिकी है।

IANS Reported by: IANS
Published on: June 26, 2020 17:49 IST
Jyotiraditya Scindia- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO Jyotiraditya Scindia

नई दिल्ली: कांग्रेस से बीजेपी में शामिल होने के बाद मध्य प्रदेश से राज्यसभा की सीट जीत चुके ज्योतिरादित्य सिंधिया की निगाह अब मोदी सरकार के आगामी कैबिनेट विस्तार पर टिकी है। मध्य प्रदेश में 24 सीटों के उपचुनाव से पहले ही, मोदी कैबिनेट में एक सीट मिलने की उम्मीद सिंधिया के समर्थक लगाए बैठे हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक, उपचुनाव से पहले ही उन्हें केंद्र में मंत्री बनाने पर जोर दे रहे हैं।

सिंधिया खेमे का तर्क है कि केंद्रीय मंत्री बनाए जाने से मध्य प्रदेश की राजनीति में सिंधिया के मजबूत होने से बीजेपी को 24 सीटों के उपचुनाव में फायदा पहुंचेगा। वजह कि कुल 16 सीटें सिंधिया के प्रभाव वाले ग्वालियर संभाग में आती हैं। पूर्व विधायक ओपीएस भदोरिया भी सिंधिया को उपचुनाव से पहले केंद्र में मंत्री बनाने की मांग कर चुके हैं।

कांग्रेस के बागी विधायकों ने मार्च में इस्तीफे दिए थे। रिक्त सीटों पर छह महीने के अंदर चुनाव का नियम है। ऐसे में सितंबर तक उपचुनाव होने की उम्मीद है। सूत्रों का कहना है कि राज्यसभा सीट जीतने के बाद सिंधिया भी जल्द से जल्द अब केंद्र सरकार में शामिल होना चाहते हैं। भाजपा में शामिल होने से पहले ही उनकी पार्टी आलाकमान से इसको लेकर बात हो चुकी है। ऐसे में बीजेपी ने उन्हें उपचुनाव से पहले केंद्र में मंत्री बनाने की तैयारी कर सकती है।

कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल होने के बाद शिवराज सरकार में खाद्य मंत्री बने गोविंद सिंह राजपूत खुलकर इस मुद्दे को उठा चुके हैं। उन्होंने मई में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा से भेंटकर सिंधिया को केंद्रीय मंत्री बनाए जाने की मांग रखी थी। हालांकि, मध्य प्रदेश के दमोह से सांसद और केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री प्रह्लाद पटेल ने भी मई में मीडिया को दिए एक बयान में साफ कहा था, "भाजपा में मांग करने से कोई केंद्रीय मंत्री नहीं बनता। सिंधिया का मामला आलाकमान के पास है। फैसला आलाकमान ही करेगा।"

सूत्रों का कहना कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में शामिल होने से पहले उन्हें राज्यसभा का टिकट और आगे केंद्रीय मंत्री बनाने का भाजपा से ऑफर मिला था। तब जाकर सिंधिया ने अपने समर्थक कांग्रेस विधायकों से इस्तीफे दिलवाए थे।

भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के एक पदाधिकारी ने आईएएनएस से बात करते हुए सिंधिया समर्थकों को इस मसले पर सार्वजनिक बयानबाजी से बचने की सलाह देते हुए कहा, "सिंधिया की बीजपी में एंट्री शीर्ष नेतृत्व के स्तर से हुई है। ऐसे में पार्टी नेतृत्व उनकी हर मांग से वाकिफ है। उचित समय आने पर इस संबंध में फैसला लिया जाएगा। लेकिन, कांग्रेस की तरह बीजेपी में प्रेशर पॉलिटिक्स ठीक नहीं है। लिहाजा, बयानबाजी करने से बचना चाहिए।"

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement