Thursday, May 02, 2024
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एनडीए का चेहरा बनाने की जदयू की मांग पर नीतीश ने टिप्पणी से इनकार किया

नीतीश ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह एक खास मौका है जब मैं सभी के चेहरे पर खुशी देखना चाहूंगा। किसी और चेहरे के बारे में कृपया अभी सवाल नहीं करें।’’ पत्रकार मुख्यमंत्री की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल होने आए थे।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: June 05, 2018 8:26 IST
Nitish Kumar reacts on face of NDA in Bihar JD-U- India TV Hindi
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे को लेकर बिहार में एनडीए के घटक दलों के बीच खींचतान शुरू हो गई है।

पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्य में भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए के चेहरे के तौर पर पेश किए जाने की जदयू की मांग के बाद नीतीश ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया कि अगले साल के लोकसभा चुनावों में राज्य में एनडीए का चेहरा कौन होगा। इससे पहले, दिन में उप-मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश राज्य सत्ताधारी गठबंधन के नेता हैं और एनडीए 2019 के आम चुनावों में जदयू अध्यक्ष नीतीश और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामों के आधार पर वोट मांगेगा।

नीतीश ने पत्रकारों के सवाल के जवाब में कहा, ‘‘यह एक खास मौका है जब मैं सभी के चेहरे पर खुशी देखना चाहूंगा। किसी और चेहरे के बारे में कृपया अभी सवाल नहीं करें।’’ पत्रकार मुख्यमंत्री की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल होने आए थे। नीतीश ने कहा, ‘‘आपके सभी सवालों के जवाब उचित समय पर दिए जाएंगे। अभी दुआ करें कि रमजान का महीना बिहार में अमन-चैन लेकर आए।’’

बता दें कि अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए सीट बंटवारे को लेकर बिहार में एनडीए के घटक दलों के बीच खींचतान शुरू हो गई है। राज्य की 40 लोकसभा सीटों में एक बड़े हिस्से पर जेडीयू और भाजपा अपनी-अपनी दावेदारी मजबूत करने की कोशिश कर रही है। जेडीयू इस बात पर जोर दे रहा है कि बिहार में गठबंधन के नेता नीतीश कुमार हैं और यह राज्य में बड़ा साझेदार है।

इसके जरिए वह संकेत दे रहा है कि उसे सीटों का बड़ा हिस्सा मिलना चाहिए। वहीं, इस पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए भाजपा ने आज कहा कि वह इस बात से सहमत है कि राज्य में राजग का चेहरा नीतीश ही हैं लेकिन लोकसभा चुनाव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में लड़ा जाएगा, इसलिए भगवा पार्टी सीटों का बड़ा हिस्सा मांग रही है।

इस पूरी बहस का मुख्य विषय यह है कि क्या 2014 के लोकसभा चुनाव में जदयू के खराब प्रदर्शन को देखा जाए, जब वह राजग से बाहर था। या फिर 2015 के विधानसभा चुनावों में उसके प्रभावी प्रदर्शन पर गौर किया जाए। हालांकि, विधानसभा चुनाव उसने राजद और कांग्रेस के साथ महागठबंधन कर लड़ा था। दोनों पार्टियों (जेडीयू और भाजपा) ने जब साल 2009 का लोकसभा चुनाव साथ मिल कर लड़ा था तब जेडीयू ने 22 और भाजपा ने 12 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जेडीयू ने 25 सीटों और भाजपा ने 15 सीटों पर चुनाव लड़ा था।

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