भोपाल: देश में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी का मुख्यमंत्री चेहरा पेश करने की हिमायत करने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज कहा कि इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय पार्टी आलाकमान करेगा।
मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का चेहरा पेश किए जाने पर पार्टी नेताओं में हुए मतभेद पर पूछे गए सवाल के जवाब में सिंधिया ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘चुनाव में चेहरा पेश करने के संबंध में न केवल कांग्रेस बल्कि दूसरे दलों में भी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग रणनीति होती है। हरेक राज्य की स्थिति अलग होती है। मेरी सोच-विचार मध्यप्रदेश के संदर्भ में नहीं है। एक राष्ट्रीय स्तर पर है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव के लिए चेहरा तय करने का अंतिम निर्णय कांग्रेस आलाकमान लेता है। इस पर टिप्पणी करना ठीक नहीं है।’’ लोकसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक एवं मध्यप्रदेश की गुना संसदीय सीट से सांसद सिंधिया ने बताया, ‘‘मैं आम कार्यकर्ता था, हूं और रहूंगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने पिछले 16 वर्षों में पार्टी द्वारा दी गई हर जिम्मेदारी निभाने की कोशिश की है। पार्टी मुझे जो भी जिम्मेदारी दे, उसे मैं दायित्व नहीं, वरन धर्म समझता हूं।’’
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में इस वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री का चेहरा पेश करने के बारे में कांग्रेस नेताओं में कथित रूप से मतभेद है। कांग्रेस का एक गुट चाहता है कि सवा चौदह साल से मध्यप्रदेश में सत्तारूढ भाजपा सरकार को हटाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ पार्टी को चेहरा पेश करना चाहिए, जबकि दूसरा गुट इसका यह कहते हुए विरोध कर रहा है कि कांग्रेस में ऐसी प्रथा नहीं है।
हाल ही में प्रदेश की मुंगावली एवं कोलारस विधानसभा सीटों के उपचुनाव में पार्टी की जीत का अंतर वर्ष 2013 की जीत के मुकाबले कम होने पर सिंधिया ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान एवं उनके मंत्रिमंडल के सभी सदस्यों ने लंबे समय तक इन दोनों निर्वाचन क्षेत्रों में डेरा डाला और मतदाताओं को लुभाने के सभी प्रयास किए, लेकिन फिर भी विफल रहे।