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मोदी सरकार अगले सप्ताह लोकसभा में पेश करेगी ट्रिपल तलाक बिल, तीन साल की कैद का है प्रावधान

ट्रिपल तलाक पर कानून का कुछ लोग विरोध कर रहे हैं। केन्द्रीय कानून मंत्री का कहना है कि ट्रिपल तलाक का मुद्दा लैंगिक न्याय, लैंगिक समानता और महिलाओं की गरिमा की मानवीय अवधारणा से जुड़ा हुआ है और इसमें आस्था और धर्म का कोई संबंध नहीं है।

Written by: India TV News Desk
Published : Dec 22, 2017 07:42 am IST, Updated : Dec 22, 2017 11:21 am IST
tripal_talaq_bill_parliament_lok_sabha- India TV Hindi
Modi Government to table triple talaq bill in Parliament

नई दिल्ली: मोदी सरकार मुस्लिम महिलाओं को ट्रिपल तलाक से आज़ादी के लिए अगले सप्ताह लोकसभा में मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक को पेश करेगी। इसे ट्रिपल तलाक बिल भी कहा जाता है। मोदी सरकार तीन तलाक को संज्ञेय और गैर जमानती अपराध बनाने के लिए इस विधेयक को पेश करेगी। इस विधेयक में एक बार में तीन तलाक देने वाले को तीन साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है। कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ट्रिपल तलाक बिल पेश करेंगे। भाजपा ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी कर बिल पेश होते वक्त संसद में मौजदू रहने को कहा है। बिल के मसौदे के मुताबिक एक बार में ट्रिपल तलाक देने पर तीन साल तक की जेल हो सकती है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को एक बार में तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) के चलन को निरस्त कर दिया था।

ट्रिपल तलाक पर कानून का कुछ लोग विरोध कर रहे हैं। केन्द्रीय कानून मंत्री का कहना है कि ट्रिपल तलाक का मुद्दा लैंगिक न्याय, लैंगिक समानता और महिलाओं की गरिमा की मानवीय अवधारणा से जुड़ा हुआ है और इसमें आस्था और धर्म का कोई संबंध नहीं है।

क्या है ट्रिपल तलाक?

एक बार में तीन बार तलाक कहने को तलाक-ए-बिद्दत कहते हैं जिसके तहत लिखकर, फोन से ट्रिपल तलाक देते थे। कई महिलाओं को लेटर, व्हाट्सएप मैसेज से तलाक दिया गया। अगर पुरुष तलाक का फैसला बदलना चाहे तो नहीं कर सकता लेकिन तलाकशुदा जोड़ा फिर हलाला के बाद ही शादी कर सकता था।

ट्रिपल तलाक पर नए कानून में क्या है

कैबिनेट से पास होने पर शीतकालीन सत्र में पेश होगा ट्रिपल तलाक पर बिल। इस बिल का नाम-मुस्लिम वीमेन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स इन मैरिज एक्ट है। यह कानून तीन तलाक यानी तलाक-ए-बिद्दत पर लागू होगा जिसके तहत मुस्लिम पुरुष एक साथ ट्रिपल तलाक नहीं दे पाएंगे। इसमें मैसेज के जरिए, फोन और चिट्ठी से भी ट्रिपल तलाक अवैध होगा। ट्रिपल तलाक पर कानून का उल्लंघन करने पर 3 साल की सजा का प्रावधान है। नए कानून के मुताबिक ट्रिपल तलाक गैर जमानती अपराध होगा।

कैसे-कैसे 3 तलाक?

Registery से: कानपुर की अलिया को रजिस्टर्ड डाक से तलाक

Email से: मुंबई की जेबा को पति ने ईमेल के जरिए दिया तलाक
Advertisement के जरिए: हरियाणा के गोहाना में उर्दू अखबार में छपा तलाक का विज्ञापन
Whatsapp से: हैदराबाद में 2 महिलाओं को व्हाट्स एप से मिला तलाक
Phone पर तलाक: मुजफ्फरनगर में महिला को पति ने फोन पर दिया तलाक
Speed post से: उत्तराखंड की आफरीन को स्पीड पोस्ट से तलाक
Oral तलाक: भोपाल की शाइस्ता को जुबानी तलाक मिला
Qzai के जरिए: तमिलनाडु की फौजिया को काजी के जरिए मिला तलाकनामा

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