Saturday, April 20, 2024
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बीएचयू संस्कृत विभाग विवाद पर एएमयू में गहरी चिन्ता

अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में मुस्लिम फिरोज खान की सहायक प्रोफेसर पर नियुक्ति रोकने के कुछ दक्षिणपंथी समूहों के प्रयास के बाद उपजे विवाद पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 22, 2019 13:48 IST
बीएचयू संस्कृत विभाग विवाद पर एएमयू में गहरी चिन्ता- India TV Hindi
बीएचयू संस्कृत विभाग विवाद पर एएमयू में गहरी चिन्ता

अलीगढ: अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों ने काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग में मुस्लिम फिरोज खान की सहायक प्रोफेसर पर नियुक्ति रोकने के कुछ दक्षिणपंथी समूहों के प्रयास के बाद उपजे विवाद पर गहरी चिन्ता व्यक्त की है। एएमयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष फैजुल हसन ने कहा कि फिरोज खान की नियुक्ति को रोका गया तो देश से दुनिया को खतरनाक संदेश जाएगा कि आज के भारत में उच्च शिक्षा को लेकर मेरिट नहीं बल्कि धर्म को आगे रखा जाता है। 

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हसन ने कहा कि जब 1877 में सर सैयद अहमद खान ने मोहम्मडन एंग्लो ओरियंटल कालेज की स्थापना की थी, तब भाषा के तीन विभाग खुले थे, उनमें से एक संस्कृत विभाग था। 

एएमयू प्रवक्ता राहत अबरार ने बताया कि विश्वविद्यालय के दूसरे कुलपति साहिबजादा आफताब अहमद खान ने जनवरी 1924 में कहा था कि संस्कृत साहित्य हिन्दू सभ्यता और संस्कृति का लेखाजोखा है और हमारा उददेश्य है कि हम ऐसे मुस्लिम स्कालर तैयार कर सकें जो संस्कृत के जरिए हमारी संस्कृति को समृद्ध करें। 

उन्होंने बताया कि संस्कृत विभाग में कई मुस्लिम प्रोफेसर हुए। इनमें सलमा महफूज, खालिद बिन यूसुफ और मोहम्मद शरीफ के नाम प्रमुखता से आते हैं। उन्होंने बताया कि सलमा महफूज दुनिया की पहली मुस्लिम महिला थीं, जिन्होंने 1970 में संस्कृत में पीएचडी की डिग्री हासिल की। इस समय एएमयू के संस्कृत विभाग में नौ शिक्षक हैं, जिनमें से दो मुस्लिम हैं।

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