Wednesday, April 24, 2024
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BHU में मुस्लिम प्रोफेसर की नियुक्ति को लेकर विरोध प्रदर्शन, यूनिवर्सिटी ने दिया यह जवाब

SVDV विभाग के शोध छात्रों और अन्य छात्रों ने गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर में कुलपति के निवास के पास होलकर भवन में धरना देना शुरू कर दिया।

IANS Reported by: IANS
Published on: November 08, 2019 11:45 IST
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BHU Sanskrit students protest Muslim assistant professor's appointment | PTI File

वाराणसी: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान (SVDV) फैकल्टी के साहित्य विभाग में एक मुस्लिम सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के खिलाफ यूनिवर्सिटी में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। विभाग के शोध छात्रों और अन्य छात्रों ने गुरुवार को विश्वविद्यालय परिसर में कुलपति के निवास के पास होलकर भवन में धरना देना शुरू कर दिया। छात्रों ने संगीत वाद्ययंत्रों को बजा कर अपनी मांगों की ओर उनका ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की। वे 'गैर-हिंदू' की नियुक्ति को रद्द करने की मांग कर रहे हैं।

‘पारदर्शी तरीके से हुआ चयन’

इस बीच BHU प्रशासन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि, ‘उम्मीदवार की नियुक्ति यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन (UGC) के नियमों और बीएचयू के अधिनियमों के तहत पारदर्शी तरीके से हुआ है।’ BHU के कुलपति राकेश भटनागर को लिखे पत्र में प्रदर्शनकारियों ने यह दावा किया है कि यूनिवर्सिटी के संस्थापक व दिवंगत पंडित मदन मोहन मालवीय ने SVDV फैकल्टी को विश्वविद्यालय के दिल का दर्जा दिया था।

‘साजिशन नियुक्त किया गया गैर-हिंदू’
पत्र में कहा गया है कि, ‘फैकल्टी की स्टोन प्लेट में यह भी लिखा गया है कि यह संस्था सांस्कृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक तर्क-वितर्क और सनातन हिंदुओं और उनकी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष शाखाओं जैसे आर्य समाज, बौद्ध, जैन, सिख आदि के विचार-विमर्श के लिए भी है।’ प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इन सभी तथ्यों को जानने के बावजूद साजिशन एक 'गैर-हिंदू' को नियुक्त किया गया है।

‘यूनिवर्सिटी में भेदभाव के लिए जगह नहीं’
BHU के प्रवक्ता राजेश सिंह ने कहा, ‘यह नियुक्ति SVDV के फैकल्टी के 'साहित्य' विभाग में एक साक्षात्कार के बाद ही की गई है। विश्वविद्यालय ने यूजीसी के नियमों और बीएचयू अधिनियम के तहत ही नियुक्ति की है, ऐसे में जात-पात के आधार पर भेदभाव के लिए कोई जगह नहीं है। नियुक्ति पूरी पारदर्शिता के साथ सिर्फ और सिर्फ उम्मीदवार की पात्रता के आधार पर की गई है।’ वहीं उन्होंने नियुक्ति को लेकर हो रहे प्रदर्शन पर टिप्पणी करने से मना कर दिया।

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