Friday, March 29, 2024
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अमरोहा कांडः शबनम ने दोबारा लगाई राज्यपाल से दया की गुहार, आजाद भारत में पहली बार किसी महिला को होगी फांसी

अमरोहा के बहुचर्चित बामनखेड़ी कांड की गुनाहगार शबनम ने गुरुवार को दोबारा दया की गुहार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट से रामपुर जेल पहुंचे शबनम के वकीलों ने एक बार फिर दया के लिए अनुरोध किया है।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: February 18, 2021 23:49 IST
अमरोहा कांडः शबनम ने दोबारा लगाई राज्यपाल से दया की गुहार- India TV Hindi
Image Source : FILE PHOTO अमरोहा कांडः शबनम ने दोबारा लगाई राज्यपाल से दया की गुहार

अमरोहा के बहुचर्चित बामनखेड़ी कांड की गुनाहगार शबनम ने गुरुवार को दोबारा दया की गुहार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट से रामपुर जेल पहुंचे शबनम के वकीलों ने एक बार फिर दया के लिए अनुरोध किया है। अधीवक्ताओं ने कराए दया याचिका पर शबनम के हस्ताक्षर कराए हैं। दया याचिका का मसौदा जेल प्रशासन को सौंपा गया है। जेल प्रशासन राज्यपाल को दया याचिका भेजेगा। साथ ही इस बीच शबनम के बेटे ने भी राष्ट्रपति से मां के गुनाहों को माफ करने की गुहार लगाई है। 

शबनम के बेटे ने राष्ट्रपति से लगाई गुहार 

इस बीच शबनम के बेटे ने ताज ने राष्ट्रपति से अपनी मां की फांसी की सजा माफ करने की गुहार लगाई है। शबनम के बेटे ताज ने बताया, "मेरी राष्ट्रपति जी से अपील है कि मेरी मां को फांसी न दें। मैं उनसे बहुत प्यार करता हूं।"

आजाद भारत में पहली बार किसी महिला को होगी फांसी

उत्तर प्रदेश में पहली बार आजाद भारत के बाद किसी महिला को फांसी दी जाएगी। इसके लिए मथुरा की जेल में तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। मथुरा स्थित उत्तर प्रदेश के इकलौते फांसी घर में अमरोहा की रहने वाली शबनम को फांसी पर लटकाया जाएगा। इसके लिए मथुरा जेल में तैयारियां भी शुरू हो गई हैं। हालांकि फांसी कब होगी, इसकी अभी कोई तारीख तय नहीं हुई है। निर्भया के दोषियों को फंदे से लटकाने वाले पवन जल्लाद अब तक दो बार फांसी घर का निरीक्षण भी कर चुके हैं।

जानिए क्या है पूरा मामला

दरअसल 13 साल पहले अमरोहा की रहने वाली शबनम ने प्रेमी के साथ मिलकर परिवार के 7 लोगों की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या कर दी थी। राष्ट्रपति ने 15 फरवरी को उसकी दया याचिका खारिज कर दी। शबनम अभी रामपुर जेल में बंद है, जबकि उसका प्रेमी आगरा जेल में है।

मथुरा जेल में महिला फांसीघर में तैयारियां शुरू

सर्वोच्च न्यायालय से पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बाद अब हत्या के आरोप में बंद शबनम की फांसी की सजा को राष्ट्रपति ने भी बरकरार रखा है, ऐसे में अब उसका फांसी पर लटकना तय हो गया है। मथुरा जेल में महिला फांसीघर में शबनम की फांसी की तैयारी भी शुरू हो गई है। डेथ वारंट जारी होते ही शबनम को फांसी दे दी जाएगी। मथुरा जिला कारागार में जल्लाद पवन को तख्ता लीवर में कुछ कमी दिखी, जिसे प्रशासन ठीक करवा रहा है। शबनम को फांसी पर लटकाने के लिए बिहार के बक्सर से रस्सी मंगवाई जा रही है ताकि किसी तरह अड़चन पैदा न हो।

ऐसा खूनी खेल खेला कि सुनकर पूरा देश हिल गया था...

ज्ञात हो कि अमरोहा जिले के हसनपुर क्षेत्र के गांव बावनखेड़ी के शिक्षक शौकत अली की इकलौती बेटी शबनम के सलीम के साथ प्रेम संबंध थे। सूफी परिवार की शबनम ने अंग्रेजी और भूगोल में एमए किया था। उसके परिवार के पास काफी जमीन थी। वहीं सलीम पांचवीं फेल था और पेशे से एक मजदूर था। इसलिए दोनों के संबंधों को लेकर परिजन विरोध कर रहे थे। शबनम ने 14 अप्रैल, 2008 की रात अपने प्रेमी के साथ मिलकर ऐसा खूनी खेल खेला कि सुनकर पूरा देश हिल गया था। शबनम ने अपने माता-पिता और 10 माह के भतीजे समेत परिवार के सात लोगों को पहले बेहोश करने की दवा खिलाई। बाद कुल्हाड़ी से काटकर मार डाला था।

2 साल 3 महीने तक चली सुनवाई

मामले की सुनवाई अमरोहा की अदालत में दो साल और तीन महीने तक चली थी। जिसके बाद, 15 जुलाई 2010 को, जिला न्यायाधीश एसएए हुसैनी ने फैसला सुनाया कि शबनम और सलीम को मृत्यु तक फांसी दी जानी चाहिए। इस मामले में जिरह के लिए करीब 100 तारीखें पड़ी। फैसले के दिन, न्यायाधीश ने 29 गवाहों के बयानों को सुना और 14 जुलाई, 2010 को शबनम और सलीम दोनों को दोषी ठहराया। अगले दिन, 15 जुलाई, 2010 को, न्यायाधीश एसएए हुसैनी ने दोनों को केवल 29 सेकंड में मौत की सजा सुना दी। इस मामले में 29 लोगों से 649 प्रश्न पूछे गए और निर्णय 160 पृष्ठों में लिखा गया था।

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