Friday, April 19, 2024
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दिनभर चले ड्रामे के बाद लखीमपुर हिंसा पीड़ितों से मिले राहुल-प्रियंका, आज अखिलेश मिलेंगे

बुधवार को कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल की लखीमपुर हिंसा पीड़ितों से मुलाकात के बाद अब दूसरे राजनीतिक दल भी लखीमपुर खीरी की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। गुरुवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी लखीमपुर खीरी जाएंगे। वह यहां पीड़ित परिवारों से मुलाकात करें।

IndiaTV Hindi Desk Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: October 07, 2021 8:21 IST
दिनभर चले ड्रामे के बाद लखीमपुर हिंसा पीड़ितों से मिले राहुल-प्रियंका- India TV Hindi
Image Source : TWITTER दिनभर चले ड्रामे के बाद लखीमपुर हिंसा पीड़ितों से मिले राहुल-प्रियंका

लखीमपुर खीरी/सीतापुर: बुधवार का दिन उत्तर प्रदेश के लिए सियासी ड्रामे से भरा रहा। हालांकि, दिन के अंत तक आते-आते कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी अन्य नेताओं के साथ लखीमपुर खीरी पहुंच गए और हिंसा में मारे गए लोगों के परिवारों से मुलाकात की। इससे पहले दिनभर सियासी ड्रामा चलता रहा।

लखनऊ एयरपोर्ट पर रोका तो धरने पर बैठे राहुल गांधी

दिल्ली से लखीमपुर खीमी के लिए निकलने राहुल गांधी पहले लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचे, जहां उन्हें पुलिस ने रोक लिया। पुलिस द्वारा रोके जाने के बाद वह लखनऊ एयरपोर्ट पर ही धरने पर बैठ गए। यहां करीब 20 मिनट तक ड्रामा चला। हालांकि, बाद में प्रशासन के साथ सुलह होने पर उन्होंने धरना खत्म किया और साथी नेताओं के साथ सीतापुर के लिए रवाना हुए।

धरने पर बैठने के दौरान राहुल गांधी का बयान

धरने के वक्त मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा था कि 'हमें अपनी गाड़ी में लखीमपुर खीरी जाना है लेकिन ये (पुलिस) चाहते हैं कि हम इनके साथ इनकी गाड़ी में जाए। इसका मतलब है कि ये कुछ न कुछ बदमाशी कर रहे हैं इसलिए हम लोग यहां बैठे हुए हैं। हमें अपनी गाड़ी में लखीमपुर खीरी जाना है। पहले इन्होंने कहा कि आप अपनी गाड़ी में जा सकते हैं, अब बोल रहे हैं कि आप पुलिस की गाड़ी में जाएंगे।'

सीतापुर में प्रियंका गांधी से मिले राहुल

लखनऊ एयरपोर्ट से धरना खत्म करने के बाद राहुल गांधी अन्य साथी नेताओं के साथ प्रियंका गांधी के पास सीतापुर के लिए रवाना हुए। प्रियंका गांधी को यहां सीतापुर के PAC गेस्ट हाउस में रखा गया था। राहुल गांधी के यहां पहुंचने के कुछ देर बाद ही प्रियंका गांधी को छोड़ दिया गया। हालांकि, प्रियंका गांधी को छोड़े जाने को लेकर जानकारी पहले ही मिल गई थी कि उन्हें आज छोड़ा जाएगा।

सीतापुर पहुंचकर कुछ नहीं बोले राहुल

राहुल गांधी जब लखनऊ से सीतापुर प्रियंका गांधी के पास पहुंचे तो पत्रकारों ने उनसे पूछा कि वह प्रियंका गांधी को PAC गेस्ट हाउस में रखने पर क्या कहना चाहेंगे। उन्होंने इस सवाल के जवाब में कुछ नहीं कहा, वह बिना कुछ बोले ही अपनी गाड़ी से आगे निकल गए। इसके कुछ देर बाद प्रियंका गांधी को छोड़ दिया गया। और, कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हो गया।

सचिन पायलट को मुरादाबाद में रोका गया

इसी बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट को मुरादाबाद में रोका गया। वह भी लखीमपुर खीरी जा रहे थे। उन्होंने ट्वीट कर जानकारी दी, "लखीमपुर खीरी जाते समय मुझे व आचार्य प्रमोद जी को उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा मुरादाबाद में रोक दिया गया है। लोकतंत्र व संवैधानिक मूल्यों को कुचलकर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था को आहत किया है। सत्याग्रह की राह पर चलकर हम न्याय की आवाज उठाते रहेंगे।"

अंधेरा होने पर लखीमपुर पहुंचे राहुल और प्रियंका

सीतापुर से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी बाकी नेताओं- पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्‍नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ लखीमपुर खीरी के लिए रवाना हुए। उन्हें यहां पहुंचते-पहुंचते रात हो गई। उन्होंने रात में ही हिंसा के पीड़ित परिवारों से मुलाकात की। हिंसा में जिन परिवारों ने अपने लोगों को खो दिया है, उन परिवारों ने मिले और उनका दर्द बांटा।

पीड़ितों से मिलकर राहुल ने किया ट्वीट

सबसे पहले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने लखीमपुर खीरी के पलिया में मृतक लवप्रीत के परिवार से मुलाकात की। इसे लेकर राहुल गांधी ने ट्वीट भी किया। राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, "शहीद लवप्रीत के परिवार से मिलकर दुख बाँटा लेकिन जब तक न्याय नहीं मिलेगा, तब तक ये सत्याग्रह चलता रहेगा। तुम्हारा बलिदान भूलेंगे नहीं, लवप्रीत।"

चन्नी और बघेल सरकार ने किया पीड़ितों के लिए ऐलान

राहुल गांधी के साथ पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी यहां पहुंचे। जब इन्हें लखनऊ में रोका गया था तब सीएम चन्नी और सीएम बघेल ने अपनी-अपनी सरकार की तरह से लखीमपुर खीरी में हुई घटना में मारे गए किसानों के परिवारों को 50-50 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है।

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिन किसानों की मौत हुई है, पत्रकार समेत प्रत्येक के परिवार को हम पंजाब सरकार की तरफ से 50 लाख रुपये देंगे। उन्होंने आगे कहा, "मैं आज राहुल गांधी के नेतृत्व में लखनऊ पहुंचा हूं। घटनास्थल पर जाना है। किसानों और पत्रकारों को मार गिराया गया है। मुझे दुख है कि किस तरह योजना बनाकर हमला हुआ। किसानों को मारा जाएगा तो हम चुप नहीं बैठ सकते।"

चन्नी के बाद छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने भी पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवारों के साथ पूरा हिंदुस्तान खड़ा हुआ है। छत्तीसगढ़  सरकार की ओर से प्रत्येक पीड़ित किसानों के परिवार को 50 लाख रुपए और पीड़ित पत्रकार के परिवार को भी 50 लाख रुपये दिए जाएंगे।

गुरुवार को अखिलेश यादव लखीमपुर जाएंगे

बुधवार को कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल की लखीमपुर हिंसा पीड़ितों से मुलाकात के बाद अब दूसरे राजनीतिक दल भी लखीमपुर खीरी की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। गुरुवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी लखीमपुर खीरी जाएंगे। वह यहां पीड़ित परिवारों से मुलाकात करें। हालांकि, अभी प्रशासन से उन्हें मिली है या नहीं इसकी कोई जानकारी नहीं है।

लखीमपुर खीरी मामले में ऐक्शन में सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए गुरुवार को सुनवाई करने का फैसला किया है। लखीमपुर में हुई घटना में किसानों के प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में 4 किसानों समेत 8 लोग मारे गए थे। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर जारी सूची के मुताबिक, चीफ जस्टिस एन. वी. रमण के साथ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की 3 जजों की पीठ मामले में सुनवाई करेगी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट से इस मामले का संज्ञान लेते हुए कदम उठाने की अपील की थी।

सिब्बल ने की थी सुप्रीम कोर्ट से अपील

सिब्बल ने बुधवार को लखीमपुर खीरी मामले का हवाला देते हुए कहा था कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कदम उठाना चाहिए। कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया था, ‘एक ऐसा समय था जब यूट्यूब, कोई सोशल मीडिया नहीं था, तब उच्चतम न्यायालय प्रिंट मीडिया की खबरों के आधार पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कदम उठाता था। उसने उन लोगों की आवाज सुनी, जिनकी कोई नहीं सुन रहा था।’ वरिष्ठ वकील सिब्बल ने आग्रह किया, ‘आज हमारे नागरिकों पर गाड़ी चढ़ाई जाती है और उनकी हत्या कर दी जाती है। सुप्रीम कोर्ट से आग्रह है कि वह इस पर कदम उठाए।’

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