Friday, December 13, 2024
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M4 कार्बाइन असॉल्ट राइफल है कितना खतरनाक, जम्मू कश्मीर के आतंकी कर रहे इसका इस्तेमाल

जम्मू कश्मीर में बीते दिनों हुए आतंकी हमलों में आतंकियों द्वारा अमेरिकी निर्मित M4 कार्बाइन असॉल्ट राइफल का इस्तेमाल किया गया। आतंकियों द्वारा इस राइफल का किया जा रहा इस्तेमाल चिंता का विषय है।

Edited By: Avinash Rai @RaisahabUp61
Published : Jul 10, 2024 11:51 IST, Updated : Jul 10, 2024 11:51 IST
How dangerous is the M4 carbine assault rifle terrorists in Jammu and Kashmir are using it- India TV Hindi
Image Source : PTI एम 4 कार्बाइन असॉल्ट राइफल

जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ सालों में हुए आतंकी हमलों और आतंकियों से जब्त की गई हथियारों में बड़ी खेप एम 4 कार्बाइन असॉल्ट राइफल्स की है। बीते कुछ सालों में यह देखने को मिला है कि आतंकियों द्वारा अमेरिकी निर्मित एम 4 कार्बाइन असॉल्ट राइफलों का इस्तेमाल किया जा रहा है। अमेरिकी निर्मित असॉल्ट राइफले 1980 के दशक में विकसित की गई थीं और नाटो द्वारा बड़े पैमाने पर इनका इस्तेमाल किया गया। इसमें कथित तौर पर एक वैरिएंट है एम 4 असॉल्ट राइफल, जिसका इस्तेमाल पाकिस्तानी विशेष बलों और पाकिस्तान में सिंध पुलिस की विशेष सुरक्षा इकाई द्वारा किया जाता है। 

आतंकियों द्वारा इस्तेमाल हो रहा असॉल्ट राइफल

M4 कार्बाइन असॉल्ट राइफल एक हल्का, गैस संचालित, एयर कूल्ड, मैगज़ीन से चलने वाला हथियार है, जो साल 1994 से सेवा में है। 1987 से 5 लाख से अधिक इकाइयों के उत्पादन के साथ, यह कई वैरिएंट में उपलब्ध है। यह राइफल 1 मिनट में 700-970 राउंड गोलियों को दागने में सक्षम है। इसकी प्रभावी फायरिंग रेज 500-600 मीटर है, जिसमें अधिकतम फायरिंग रेज 3,600 मीटर है। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा लगातार हो रहे इस असॉल्ट राइफल का इस्तेमाल चिंताजनक है और यह 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी का संभावित नतीजा है।

रक्षा विशेषज्ञ क्या बोले?

रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, "जम्मू और कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा इस असॉल्ट राइफल का लगातार इस्तेमाल चिंताजनक है और यह 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी का संभावित नतीजा है। बता दें कि अमेरिकी सैनिक जब अफगानिस्तान छोड़कर अमेरिका निकले तब हथियारों की बड़ी खेप उन्होंने अफगानिस्तान में ही छोड़ दिया। हालांकि अमेरिकी सेना द्वारा यह दावा किया जाता है कि बड़ी संख्या में मौजूद हथियारों को नष्ट कर दिया गया। लेकिन जो हथियार अफगानिस्तान में बचे वो हथियार आतंकवादियों और अलगाववादियों के हाथ में लग गए।"

पहली बार 2014 में एम 4 कार्बाइन असॉल्ट राइफल का हुआ इस्तेमाल

बता दें कि साल 2017 में पहली बार एम 4 असॉल्ट राइफल को जम्मू कश्मीर में बरामद किया गया था। इस दौरान जैश ए मोहम्मद चीफ मसूद अजहर के भतीजे को सेना ने पुलवामा में मार गिराया था। इस दौरान सेना ने इस हथियार को घटनास्थल बरामद किया गया था। वहीं साल 2018 में पुलवामा से सेना ने दूसरी बार एम 3 कार्बाइन असॉल्ट राइफल को जब्त किया था, जह मसूद अजहर के ही दूसरे भतीजे को सेना ने एनकाउंटर में मार गिराया। बता दें कि 9 जुलाई को रीयासी में हुए आतंकी हमले में और कठुआ में 8 जुलाई को हुए आतंकी हमले में इसी राइफल का इस्तेमाल किया गया था। 

(इनपुट-पीटीआई)

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