रांची: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को कहा कि अगली जनगणना में ‘सरना’ धर्म भी एक विकल्प होना चाहिए, ताकि इसमें विश्वास करने वाले लोग अपने धर्म के तौर पर इसका उल्लेख कर सकें। उन्होंने यहां ‘संविधान बचाओ रैली’ को संबोधित करते हुए यह आरोप भी लगाया कि भाजपा और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘सरना’ धर्म की रक्षा नहीं कर सकते।
जनगणना में ‘सरना’ का अलग कॉलम होना चाहिए- खरगे
खरगे ने कहा, ‘‘सरना आदिवासियों का धर्म है। इस धर्म की रक्षा नरेन्द्र मोदी नहीं कर सकते।’’ उन्होंने कहा कि आने वाली जनगणना में ‘सरना’ का अलग कॉलम होना चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आह्वान किया कि वह भी इसके लिए प्रयास करें।
'सरना के विकल्प के लिए केंद्र सरकार पर बनाएंगे दबाव'
बाद में उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘हमने आदिवासी भाई-बहनों के लिए ‘सरना कोड’ लागू करने की बात की थी। अब जनगणना की प्रक्रिया शुरू होगी तो आदिवासियों से उनका धर्म पूछ जाएगा। तो हम चाहते हैं कि अन्य धर्मों के साथ ‘सरना’ भी विकल्प के रूप में दिया जाए। इसके लिए हम भी केंद्र सरकार पर दबाव बनायेंगे। आप सब (जनता) को खासकर झारखंड की हमारी गठबंधन सरकार को इसके लिए मिलकर प्रयत्न करना है।’’ (भाषा इनपुट्स के साथ)
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