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कब और किस देश से हुई थी डार्क चॉकलेट की शुरूआत, कैसे बनती है ये फायदेमंद चॉकलेट?

Dark Chocolate History Facts: चॉकलेट के आज दुनियाभर में दीवाने हैं। हालांकि डार्क चॉकलेट का इतिहास काफी पुराना है। इसे बनाने के पीछे एक मजेदार कहानी है। जानिए कब और किस देश से हुई इसकी शुरुआत और कैसे बनती है डार्क चॉकलेट?

Written By: Bharti Singh
Published : Feb 09, 2024 12:17 IST, Updated : Feb 09, 2024 12:46 IST
Dark Chocolate- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK डार्क चॉकलेट

दिल और दिमाग को रिचार्ज कर देने वाली चॉकलेट बड़ी ही मजेदार चीज है। चॉकलेट का नाम सुनती ही चेहरे पर मुस्कान और मुंह में पानी आने लगता है। पूरी दुनिया में चॉकलेट के दीवानों की लंबी लिस्ट है। अलग अलग देशों में चॉकलेट में कई फ्लेवर्स और टाइप मिलते हैं। इनमें सबसे ज्यादा हेल्दी होती है डार्क चॉकलेट, जिसे खाते ही शरीर में हैप्पी हार्मोंस बढ़ जाते हैं और आपका दिल खुश हो जाता है। ज्यादातर लोग कहते हैं कि आजकल चॉकलेट का चलन बढ़ गया है, ऐसा नहीं है डार्क चॉकलेट का इतिहास हजारों साल पुराना है। जानिए कब और किस देश से हुई थी डार्क चॉकलेट की शुरूआत और इसे कैसे तैयार किया जाता है।

डार्क चॉकलेट का इतिहास

माना जाता है कि चॉकलेट की शुरुआत करीब 1500 ईसा पूर्व सेंट्रल और साउथ अमेरिका के कई देशों में एक पेय के रूप में हुई थी। बाद में माया लोगों ने इसे एक ड्रिंक के रूप में विकसित किया। इस ड्रिंक में मिठास के लिए शहद और गुड़ का इस्तेमाल किया जाता था। इसे अमेरिका में पैदा होने वाले डियोब्रोमा कैकाओ (Theobroma cacao) पेड़ का बीज से तैयार किया जाता था जिसे कैकाओ कहा जाता है। 

अमेरिका से स्पेन पहुंची चॉकलेट

जब स्पेन के लोग सेंट्रल और साउथ अमेरिका गये तो उन्हें इसके बारे में पता चला और इस तरह ये ड्रिंक स्पेन पहुंचा और वहां के लोगों ने इसे अपने खान-पान का हिस्सा बना लिया। स्पेन के लोगों ने कैकाओ बीज को और प्रोसेस किया और कोको पाउडर बनाया और फिर इसमें दूध मिलाकर पेय पदार्थ और खाने-पीने के सामान बनाए।

दुनियाभर में कैसे फेमस हुई चॉकलेट

आज जो चॉकलेट हम सब खाते हैं उस तरह की चॉकलेट 18वीं सदी में बनी और फिर 19वीं सदी आते आते ये पूरी दुनिया में मशहूर हो गई। नीदरलेंड के कॉनरेड जोहासन और स्विटजरलैंड के रोडेल्फ लिंट ने सॉलिड फॉर्म में चॉकलेट बनाना शुरु किया। बाद में यूरोप के ही डेनियल पीटर और हेनरी नेस्ले ने मिल्क चॉकलेट का मशीनों से उत्पादन शुरु किया, जो पूरी दुनिया में तेजी से पॉपुलर होने वाली और सबसे ज्यादा खाई जाने वाली स्वीट डिश बन गयी है। आंकड़ों की मानें तो आज चॉकलेट इंडस्ट्री करीब 127.9 बिलियन डॉलर की है, जिसमें सबसे ज्यादा चॉकलेट अमेरिका के लोग खाते हैं और गिफ्ट भी करते हैं। अमेरिका में करीब 34% लोग ऐसे हैं जो डार्क चॉकलेट खाना पसंद करते हैं।

कैसे बढ़ा डार्क चॉकलेट का क्रेज

20वीं सदी में डार्क चॉकलेट खाने का क्रेज तेजी से बढ़ा। इसकी वजह है इससे मिलने वाले फायदे। हेल्थ बेनिफिट की वजह से लोगों ने मिल्क चॉकलेट की बजाय डार्क चॉकलेट खाना ज्यादा पसंद किया। डार्क चॉकलेट खाने से शरीर में हैप्पी हार्मोंस बढ़ते हैं। स्किन से लेकर एनर्जी बढ़ाने तक में डार्क चॉकलेट फायदेमंद है। तनाव को दूर करने में डार्क चॉकलेट असरदार काम करती है।

कैसे बनती ही डार्क चॉकलेट

डार्क चॉकलेट कोको पाउडर से बनकर तैयार होती है। दूसरी चॉकलेट की तरह इसमें दूध और किसी तरह की मिठास का उपयोग नहीं किया जाता है। इसमें बिल्कुल न के बराबर स्वीटनेस होती है। हालांकि अलग-अलग इंग्रीडिएंट से इसे तैयार किया जाता है। डार्क चॉकलेट को केक और बेकरी डिश में भी उपयोग में लाया जाता है।

Chocolate Day से पहले जान लें, सिर्फ स्वाद ही नहीं शरीर को कई फायदे भी पहुंचाती है चॉकलेट

 

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