Saturday, December 14, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. लाइफस्टाइल
  3. हेल्थ
  4. डायबिटीज से लेकर महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन जैसी कई बीमारियों की वजह बन सकती है चीनी, जानिए कैसे

डायबिटीज से लेकर महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन जैसी कई बीमारियों की वजह बन सकती है चीनी, जानिए कैसे

हर भारतीय सालाना लगभग 20 किलोग्राम चीनी का उपभोग करता है। ज्यादातर लोग इस बात से अनजान हैं कि चीनी अच्छी नहीं होती है और यह नशे की लत जैसी है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Published : September 03, 2018 7:37 IST
Sugar- India TV Hindi
Sugar

हेल्थ डेस्क: प्रत्येक भारतीय सालाना लगभग 20 किलोग्राम चीनी का उपभोग करता है। ज्यादातर लोग इस बात से अनजान हैं कि चीनी अच्छी नहीं होती है और यह नशे की लत जैसी है।

अधिक चीन खाने से होती है ये बीमारियां

जीवनशैली की सबसे आम बीमारियों में से एक, टाइप2 मधुमेह, चीनी की अतिसंवेदनशीलता के कारण होती है। जो लोग नियमित रूप से बहुत अधिक चीनी का उपभोग करते हैं, उनके पैंक्रियास बहुत अधिक इंसुलिन उत्पन्न करते हैं और शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन प्रतिरोध विकसित करती हैं। इसका मतलब यह है कि ग्लूकोज को आसानी से शरीर की कोशिकाओं में संग्रहित नहीं किया जा सकता है, जिससे रक्त प्रवाह में चीनी अधिक हो जाती है।  (एक बार फिर हिना खान ने शेयर की वर्कआउट का वीडियो और तस्वीरें, लगीं एक दम फिट )

वैश्विक स्तर पर, चीन के बाद भारत में टाइप2 मधुमेह वाले वयस्कों की सबसे ज्यादा संख्या है। भारत में टाइप2 मधुमेह से पीड़ित लोगों की संख्या वर्तमान में 7.2 करोड़ से बढ़ कर वर्ष 2045 तक 15.1 करोड़ होने की संभावना है। (35 साल की उम्र में साउथ सुपरस्टार अल्लू अर्जुन लगते है 20 साल के, जानिए वर्कआउट और डाइट प्लान)

एचसीएफआई के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल के अनुसार, "जब हम चीनी खाते हैं, तो मस्तिष्क बड़ी मात्रा में डोपामाइन, यानी अच्छा महसूस करने वाला एक हार्मोन पैदा करता है। बाजार में उपलब्ध अधिकांश प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थो में खूब सारी चीनी मिलाई जाती है, ताकि हम केचप, दही, पेस्ट्री और इसी तरह के अन्य प्रोडक्ट अधिकाधिक उपभोग करने के लिए प्रेरित हों। चीनी की अतिसंवेदनशीलता मस्तिष्क को बहुत अधिक डोपामाइन छोड़ने का कारण बनती है, जिससे इसके हिस्सों को असंवेदनशील बना दिया जाता है।"

चीनी घटा देती है सीखने की क्षमता
डॉ. अग्रवाल के अनुसार, "हालांकि, यह अच्छी भावना केवल 15 से 40 मिनट तक चलती है। चीनी अतिसंवेदनशीलता न्यूरोलॉजिकल समस्याओं जैसे अवसाद, चिंता, डिमेंशिया और यहां तक कि अल्जाइमर से भी संबंधित है। यह मस्तिष्क को सचमुच धीमा कर स्मृति और सीखने की क्षमता घटा देती है।"

चीनी की है 3 स्टेज
खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) चीनी की तीन श्रेणियों को परिभाषित करता है: प्राकृतिक (फलों और सब्जियों में खाद्य संरचना में निर्मित), जोड़ी गई (प्रोसेसिंग और तैयारी के दौरान खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों में शर्करा और सीरप मिलाया जाता है) और नि:शुल्क (शक्कर और स्वाभाविक रूप से शहद, सीरप, फलों के रस और फलों में मौजूद होती है)।

ज्यादा चीनी खाने से हो सकती है ये खतरनाक बीमारियां
डॉ. अग्रवाल ने आगे बताया, "श्वेत शक्कर धीमा जहर है। प्रोसेस्ड सफेद चीनी पाचन तंत्र के लिए भी हानिकारक है, खासतौर पर उन लोगों के लिए जिन्हें कार्बोहाइड्रेट पचाने में कठिनाई होती है। यह महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन के प्रभाव को बढ़ाती है, जो चेहरे के बाल जैसे एंड्रोजेनस अभिव्यक्तियों में होता है। प्राचीन काल में, भारत के लोग या तो गन्ने का रस, गुड़ या फिर ब्राउन शुगर (खांड) का उपभोग करते थे, और ये दोनों सुरक्षित हैं।"

24 से 28 अक्टूबर के बीच होने वाले 25वें एमटीएनएल परफेक्ट हेल्थ मेला 2018 में लोग अपने रक्त शर्करा के स्तर की जांच कर सकते हैं। मधुमेह को रोकने के तरीके के बारे में उनके ज्ञान को बढ़ाने के लिए उन्हें कुछ दिलचस्प रिसोर्स भी मिलेंगे।

(इनपुट आईएएनएस)

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Health News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement