Thursday, April 18, 2024
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सुबह नाश्ता न करना और देर रात में भोजन हानिकारक: रिपोर्ट

जो लोग सुबह के समय नाश्ता नहीं करते और रात का खाना बहुत देर से खाते हैं, उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद बदतर परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। एक शोध रिपोर्ट के आधार पर ऐसी चेतावनी दी गई है।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Published on: April 22, 2019 9:48 IST
morning breakfast- India TV Hindi
morning breakfast

नई दिल्ली: जो लोग सुबह के समय नाश्ता नहीं करते और रात का खाना बहुत देर से खाते हैं, उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद बदतर परिणाम झेलने पड़ सकते हैं। एक शोध रिपोर्ट के आधार पर ऐसी चेतावनी दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, भोजन संबंधी इन दो आदतों वाले लोगों में दिल का दौरा पड़ने के बाद अस्पताल से छुट्टी मिलने के 30 दिनों के भीतर चार से पांच बार मौत के करीब चले जाने, एक और दिल का दौरा, या एनजाइना (सीने में दर्द) पाया गया। रिपोर्ट में रात के खाने और सोने के बीच न्यूनतम दो घंटे का अंतराल रखने की भी सलाह दी गई है।

हार्टकेयर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल का कहना है कि भारतीयों में पेट के चारों ओर अधिक वसा एकत्र होने की प्रवृत्ति होती है, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध हो सकता है। इसका एक प्रमुख कारण आज की जीवनशैली है।

उन्होंने कहा, "ऑन-द-गो और तेज रफ्तार जीवन का मतलब है कि लोग सुबह का नाश्ता छोड़ देते हैं और दिन के शेष समय अस्वास्थ्यकर, क्विक-फिक्स भोजन खाते हैं। यह समझना महत्वपूर्ण है कि नियमित रूप से मध्यम तीव्रता के व्यायाम के साथ संयुक्त शरीर के वजन में 5 प्रतिशत की कमी भी टाइप-2 मधुमेह के जोखिम को 50 प्रतिशत से अधिक कम कर सकती है। मधुमेह के बिना या इस स्थिति के विकास के जोखिम के लिए एक स्वस्थ जीवन शैली की ओर स्विच करने और एक आदर्श बीएमआई बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

डॉ. अग्रवाल के मुताबिक, आहार एक व्यक्ति के वजन से स्वतंत्र मधुमेह के जोखिम को प्रभावित करता है। टाइप-2 मधुमेह को एक 'साइलेंट किलर' के रूप में जाना जाता है। जब तक इसका निदान किया जाता है, तब तक अन्य संबंधित स्वास्थ्य जटिलताएं पहले से मौजूद हो सकती हैं।

उन्होंने कहा, "जो लोग मोटे होते हैं, उन्हें जटिल कार्बोहाइड्रेट के सेवन को सीमित करने का लक्ष्य रखना चाहिए, क्योंकि वे रक्त-शर्करा के स्तर और इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ाते हैं। इंसुलिन प्रतिरोध वाले लोगों में, इस वृद्धि से आगे वजन बढ़ सकता है। इसके अलावा, हर दिन लगभग 30 से 45 मिनट शारीरिक गतिविधि करने का लक्ष्य रखें, सप्ताह में पांच बार।"

डॉ. अग्रवाल के कुछ सुझाव :

- हर दिन व्यायाम करें और स्वस्थ आहार का सेवन करें।

- नियमित अंतराल पर अपने रक्त शर्करा के स्तर की निगरानी करें।

- किसी भी रूप में परिष्कृत चीनी का सेवन न करें, क्योंकि यह रक्त प्रवाह में अधिक आसानी से 

अवशोषित हो सकता है और आगे की जटिलताओं का कारण बन सकता है।

- ध्यान और योग जैसी गतिविधियों के माध्यम से तनाव को कम करें।

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