Tuesday, June 18, 2024
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ऐसे जाने आपकी कुंडली में काल सर्प दोष है कि नहीं

धर्म डेस्क: कभी-कभी ऐसा होता है कि हमारे जीवन में इतनी उथल-पुथल और इतनी आर्थिक से लेकर शारीरिक, मानसिक परेशानी होती है कि हम समझ नहीं पाते है कि यह कौन सी समस्या है। इसे

India TV Lifestyle Desk
Updated on: March 04, 2016 16:50 IST

kalsharp yog

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तक्षक कालसर्प योग
केतु लग्न में और राहु सप्तम स्थान में हो तो तक्षक नामक कालसर्प योग बनता है। इस कालसर्प योग से पीड़ित जातकों को पैतृक संपत्ति का सुख नहीं मिल पाता। ऐसे जातक प्रेम प्रसंग में भी असफल होते देखे जाते हैं।

गुप्त प्रसंगों में भी उन्हें धोखा खाना पड़ता है। वैवाहिक जीवन सामान्य रहते हुए भी कभी-कभी संबंध इतना तनावपूर्ण हो जाता है जिससे कि आप अलग होने की कोसिस करते है।

कर्कोटक कालसर्प योग
केतु दूसरे स्थान में और राहु अष्टम स्थान में कर्कोटक नाम कालसर्प योग बनता है। ऐसे जातकों के भाग्योदय में इस योग की वजह से कुछ रुकावटें अवश्य आती हैं। नौकरी मिलने व पदोन्नति होने में भी कठिनाइयां आती हैं। इस जातकों को संपत्ति भी आते-आते रह जाती है। कोई भी काम ठीक ढंग से नहीं हो पाता है। साथ ही आपको अधिक परिश्र्म करने के बाद भी लाभ नहीं मिल पाता है।

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