Sunday, June 02, 2024
Advertisement

ऐसे जाने आपकी कुंडली में काल सर्प दोष है कि नहीं

धर्म डेस्क: कभी-कभी ऐसा होता है कि हमारे जीवन में इतनी उथल-पुथल और इतनी आर्थिक से लेकर शारीरिक, मानसिक परेशानी होती है कि हम समझ नहीं पाते है कि यह कौन सी समस्या है। इसे

India TV Lifestyle Desk
Updated on: March 04, 2016 16:50 IST

kalsharp yog

kalsharp yog

शंखचूड़ कालसर्प योग
केतु तीसरे स्थान में व राहु नवम स्थान में शंखचूड़ नामक कालसर्प योग बनता है। इस योग से पीड़ित जातकों का भाग्योदय होने में अनेक प्रकार की अड़चने आती रहती हैं। व्यावसायिक प्रगति, नौकरी में प्रोन्नति तथा पढ़ाई-लिखाई में वांछित सफलता मिलने में जातकों को कई प्रकार के विघ्नों का सामना करना पड़ता है। इसके पीछे कारण वह स्वयं होता है क्योंकि वह अपनो का भी हिस्सा छिनना चाहता है। अपने जीवन में धर्म से खिलवाड़ करता है।

अधिक सोच के कारण शारीरिक व्याधियां भी उसका पीछा नहीं छोड़ती। इन सब कारणों के कारण सरकारी महकमों व मुकदमेबाजी में भी उसका धन खर्च होता रहता है। उसे पिता का सुख तो बहुत कम मिलता ही है, वह ननिहाल व बहनोइयों से भी छला जाता है। साथ ही आपके दोस्त भी आपसे धोखा करते है।

घातक कालसर्प योग
केतु चतुर्थ तथा राहु दशम स्थान में हो तो घातक कालसर्प योग बनाते हैं। इस योग में उत्पन्न जातक यदि मां की सेवा करे तो उत्तम घर व सुख की प्राप्ति होता है। जातक हमेशा जीवन पर्यन्त सुख के लिए प्रयत्नशील रहता है उसके पास कितना ही सुख आ जाए उसका जी नहीं भरता है।

उसे पिता का भी विछोह झेलना पड़ता है। दापत्यं जीवन भी परेशानियों से भरा होता है। नौकरी पेशा वाले जातकों को सस्पेंड, डिस्चार्ज या डिमोशन के खतरों से रूबरू होना पड़ता है। साझेदारी के काम में भी मनमुटाव व घाटा आदि हो सकता है।

अगली स्लाइड में पढ़े प्रकारों के बारें में

 

Latest Lifestyle News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Religion News in Hindi के लिए क्लिक करें लाइफस्टाइल सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement