Friday, May 03, 2024
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सर्वधर्म सम्मेलन: मौलाना महमूद मदनी ने बताया कोरोना काल में नमाज में दो गज की दूरी क्यों है जरूरी?

धार्मिक स्थलों के खुलने को लेकर मौलाना ने कहा- असली खतरा अब शुरू हुआ है।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: June 09, 2020 14:22 IST

इस समय पूरा देश कोरोना वायरस से जूझ रहा है। इस संकट की घड़ी में आस्था जगाने और जीवन को अनवरत आगे बढ़ाने के प्रयास में इंडिया टीवी कई धर्मों के महागुरुओं के साथ 'सर्वधर्म सम्मेलन' कर रहा है। इस महाआयोजन में 20 महागुरुओं की संतवाणी सुनने का मौका मिलेगा। मौलाना महमूद मदनी इस्लाम के बड़े जानकार और धर्मगुरु हैं। 

मौलाना महमूद मदनी ने सबसे पहले बताया कि कोरोना की लड़ाई में भारत कहां खड़ा है। उन्होंने कहा कि लोगों से जो सुनन में आ रहा है कि अभी शुरुआत भी नहीं हुई है। इसके बारे में तो मेडिकल प्रोफेशनल ही अच्छे से बता सकते हैं। धार्मिक स्थलों के खुलने को लेकर मौलाना ने कहा- असली खतरा अब शुरू हुआ है और एहतियात की जरुरत भी अभी है। जो डॉक्टर कह रहे हैं, उसका पालन करें। इस बीमारी से लड़ने का तरीका यही है कि सावधानियां बरतें। अब कम्युनिटी स्प्रेड हो रहा है। पब्लिक तक पहुंच रहा है। लॉकडाउन खत्म हो रहा है, इसलिए ये फैलेगा। जो पहले से किसी बीमारी में हैं, बुजुर्गों और बच्चों को ज्यादा खतरा है।

दूरी बनाकर रखें- मौलाना

मौलाना ने आगे कहा कि मंदिरों-मस्जिदों में जाएं, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए। हाथ धोते रहिए। खुद से ही एहतियात बरतना होगा। लोगों से दूरी बनाकर रखिए। मस्जिदों में नमाज पढ़ने जाते हैं तो दो गज की दूरी मेंटेंन करें। ये दो या चार दिन की बात नहीं, क्या पता इसमें सालभर लग जाए। 

कोरोना काल में अफवाहों को लेकर मौलाना महमूद मदनी ने कहा, 'यकीनन अफवाह से बचना चाहिए। इसे फैलाने में सोशल मीडिया का भी हाथ है। चीजों को ठीक करना चाहिए। कहानी खत्म नहीं हो रही है। हम सभी लोगों को समझना होगा और लॉन्ग टर्म स्ट्रैटजी के तहत फैसला लेना होगा।' 

इस समय लोगों की मदद करिए

लॉकडाउन में मजदूर वर्ग परेशान हूआ। इस पर मौलाना ने कहा- 'सरकार के साथ-साथ समाज की भी जिम्मेदारी है। अगर लोगो ने एक-दूसरे की मदद की होती तो लोगों को पैदल नहीं जाना पड़ता। इस हालात के बारे में किसी को भी अंदाजा नहीं था। कभी लॉकडाउन जैसी स्थिति नहीं हुई। ये नई चीज थी, इसमें लोगों को तकलीफ हुई, लेकिन समाज को अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिये थी। हालांकि, कई लोग सामने भी आए और लोगों की मदद भी की।'

कोरोना से मिली सीख को लेकर मौलाना ने कहा कि 'धर्म या मजहब लोगों को मजबूती देता है। इस मुश्किल से घबराना नहीं चाहिए। डटकर सामना करना चाहिए। जिसको कोरोना नहीं हुआ है, वो सतर्क रहे। ये कुर्बानी देने का मौका है। गरीबों का ध्यान रखें। यही सबसे बड़ी मानवता की सीख है कि कोई भूखा ना रहे।'

आपको बता दें कि इंडिया टीवी पर सर्वधर्म सम्मेलन हो रहा है, जिसमें देश के प्रतिष्ठित 20 महागुरु शामिल हो रहे हैं। ये महागुरु कोरोना काल में धैर्य और संयम रखने के साथ साथ जनता को कोरोना से लड़ने के लिए शक्ति लेने का मार्ग भी बताएंगे और कोरोना काल में कैसे स्वस्थ औऱ सुरक्षित रहा जाए, ये भी बताएंगे।

 

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