Friday, April 19, 2024
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Shani Amavasya 2019: शनि अमावस्या के दिन ऐसे धारण करें चौदह मुखी रुद्राक्ष और पाएं कालसर्प, शनि दोष सहित इन दोषों से निजात

Shani Amavasya 2019: आज शनिश्चरी अमावस्या का दिन बड़ा ही श्रेष्ठ है और आपको बता दूं कि चौदह मुखी रुद्राक्ष भी शनि ग्रह से संबंध रखता है। इस रुद्राक्ष को महाशनि भी कहते हैं। अतः शनि संबंधी परेशानियों से बचने के लिये चौदह मुखी रुद्राक्ष किस तरह से आपके लिये फायदेमंद हो सकता है। जानें आचार्य इंदु प्रकाश से।

India TV Lifestyle Desk Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: May 03, 2019 14:34 IST
Shani Amawasya 2019- India TV Hindi
Shani Amawasya 2019

Shani Amavasya 2019 : आज वैशाख कृष्ण पक्ष के आखिरी दिन शनिश्चरी अमावस्या है। चूंकि आज के दिन अमावस्या तिथि शनिवार के साथ पड़ रही है, इसीलिए ये शनिश्चरी अमावस्या है। आपको बता दूं कि शास्त्रों में शनिश्चरी अमावस्या का बड़ा ही महत्व है। आज के दिन पितरों की पूजा के साथ ही शनिदेव की पूजा का विशेष रूप से महत्व है।

कहते हैं आज के दिन शनिदेव की पूजा करने से, उनके निमित्त उपाय करने से शनिदेव बहुत जल्दी खुश होते हैं, साथ ही जन्मपत्रिका में अशुभ शनि के प्रभाव से होने वाली परेशानियों, जैसे शनि की साढे-साती, ढैय्या और कालसर्प योग से भी छुटकारा मिलता है। आपको बता दूं कि शनि देव कर्मफल दाता हैं, वे न्याय के देवता हैं। शनिदेव व्यक्ति को उसके कर्म के आधार पर फल देते हैं। शनिदेव, जिनके गुरु स्वयं भगवान शिव हैं, जब प्रसन्न होते हैं तो ढेर सारी खुशियां देते हैं, लेकिन जब कोई कुछ गलत करता है, तो वह शनि की दृष्टि से नहीं बच सकता। अतः शनि संबंधी परेशानियों से बचने के लिये आज शनिश्चरी अमावस्या का दिन बड़ा ही श्रेष्ठ है और आपको बता दूं कि चौदह मुखी रुद्राक्ष भी शनि ग्रह से संबंध रखता है। इस रुद्राक्ष को महाशनि भी कहते हैं। अतः शनि संबंधी परेशानियों से बचने के लिये चौदह मुखी रुद्राक्ष किस तरह से आपके लिये फायदेमंद हो सकता है। जानें आचार्य इंदु प्रकाश से।

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ऐसे करें आपको चौदह मुखी रुद्राक्ष को धारण

शिवपुराण के अनुसार – ऊँ नमः

मंत्र महार्णव के अनुसार – ऊँ नमो नमः।
पद्मपुराण के अनुसार - ऊँ ब्रां
स्कंदपुराण के अनुसार – ऊँ दुं मां नमः।

इसके अलावा महामृत्युंजय मंत्र –
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
और ऊँ नमः शिवाय..... मंत्र का जप करना चाहिए। इस प्रकार जप के बाद आप चौदह मुखी रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं।

 chodah mukhi Rudraksh

 chodah mukhi Rudraksh

महाशनि दोष, कालसर्प जैसे दोषों से ऐसे पाएं निजात
आचार्य इंदु प्रकाश के अनुसार अभी हमने आपको बताया कि चौदह मुखी रुद्राक्ष को महाशनि कहते हैं, क्योंकि इस पर शनि ग्रह का प्रभाव रहता है। साथ ही आपको ये भी बता दूं कि इस चौदह मुखी रुद्राक्ष पर शनिदेव के गुरु माने जाने वाले भगवान शिव का आशीर्वाद भी बना रहता है। जी हां, चौदह मुखी रुद्राक्ष स्वयं शिवजी की कृपा से अभिभूत और प्रत्यक्ष उनकी आंख से उत्पन्न हुआ माना जाता है। अतः इस रुद्राक्ष का विशिष्ट महत्व है। इस रुद्राक्ष को शिवजी के तीसरे नेत्र के सदृश माना जाता है।

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कहते हैं जो व्यक्ति इस रुद्राक्ष को कपाल के मध्य में धारण करता है, उसकी पूजा स्वयं देवता और ब्राह्मण करते हैं। यह चौदह मुखी रुद्राक्ष कपाल पर दो भौहों के बीच स्थित आज्ञाचक्र को भी नियंत्रित करता है। इसलिए शास्त्रों में इस चौदह मुखी रुद्राक्ष को कपाल पर पहनने की सलाह दी गयी है, लेकिन आज के समय में कपाल पर रुद्राक्ष पहनना थोड़ा अजीब लग सकता है, इसलिए आप इसे अपने गले में धारण करें और दिन में कुछ समय के लिये इसे अपने कपाल पर स्थित आज्ञाचक्र से स्पर्श जरूर कराएं। इससे आपकी मानसिक चेतना बनी रहेगी।

कुछ मतों के अनुसार चौदह मुखी रुद्राक्ष को हनुमान जी का अवतार भी माना जाता है, यानी इस रुद्राक्ष के धारक पर हनुमान जी, जिनके भक्तों पर शनिदेव की भी कृपा रहती है, उनका भी आशीर्वाद बना रहता है।

महाशनि के अलावा देव मणि के नाम से चर्चित इस चौदह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने वाले व्यक्ति के पितरों की शुद्धि होती है। साथ ही उस व्यक्ति की यश-कीर्ति में भी बढ़ोतरी होती है। चौदह मुखी रुद्राक्ष जहां एक तरफ हमारी वर्तमान स्थिति को बेहतर बनाता है, तो वहीं दूसरी तरफ भविष्य को उज्ज्वल बनाने में भी हमारी मदद करता है। यह रुद्राक्ष धारक को सोचने-समझने की शक्ति प्रदान करता है। इसको धारण करने से व्यक्ति का सिक्स सेंस, यानी छठी इंद्री जागृत होती है। यह धारक को आत्मरक्षा करने का साहस प्रदान करता है और साथ ही कार्य का सही प्रकार से नियोजन करने की क्षमता देता है।

जो लोग किसी प्रशासनिक सेवा में शीर्ष पद पर हैं और लोगों को ठीक से परख नहीं पाते हैं, उन लोगों को चौदह मुखी रुद्राक्ष अवश्य ही धारण करना चाहिए। इसे धारण करने से लोगों को परखने में आपको बहुत मदद मिलेगी।

शेयर मार्किट से जुड़े लोगों को या आयात-निर्यात से जुड़े लोगों को भी इस रुद्राक्ष से बेहद लाभ होता है। इससे व्यक्ति दूर बैठे ही किसी के बारे में सही अनुमान लगाने की ताकत रखता है।

जिन लोगों की पत्रिका में शनि की दशा ठीक नहीं चल रही है या जो लोग कालसर्प दोष से परेशान हैं, उन लोगों के लिये चौदह मुखी रुद्राक्ष विशेष रूप से फायदेमंद है।

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