Friday, April 26, 2024
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दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मिलीं सांसद नवनीत रवि राणा, विधायक रवि राणा भी रहे साथ

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से दिल्ली निवास पर सांसद नवनीत रवि राणा और विधायक रवि राणा ने आज मुलाकात की है। नवनीत ने इस दौरान अमित शाह का आभार व्यक्त किया और आशीर्वाद लिया।

Reported By : Sachin Chaudhary Edited By : Swayam Prakash Updated on: March 29, 2024 20:27 IST
navneet rana- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV अमित शाह से मिलीं सांसद नवनीत राणा

आज सांसद नवनीत रवि राणा और विधायक रवि राणा ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके दिल्ली निवास पर मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान नवनीत रवि राणा ने अमित शाह और बीजेपी का आभार व्यक्त किया और आशीर्वाद लिया। इस दौरान सांसद नवनीत राणा ने कहा कि भाजपा की कार्यकरता बनकर आगे काम करुंगी। बता दें कि निर्दलीय सांसद नवनीत राणा भाजपा में शामिल होने के बाद अमरावती से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं। नवनीत राणा बुधवार देर रात अपने समर्थकों के साथ नागपुर में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले के आवास पर सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गईं।   

गठबंधन के नेताओं को रास नहीं आया नवनीत का आना

जहां एक ओर नवनीत राणा दिल्ली में अमित शाह से मुलाकात कर रही हैं, तो वहीं अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा को पार्टी में शामिल करने और उन्हें चुनाव लड़ाने का भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का फैसला महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ गठबंधन से जुड़े कुछ नेताओं को रास नहीं आया है और उन्होंने इसे ‘राजनीतिक आत्महत्या’ करार दिया है। इस घटनाक्रम की न केवल कांग्रेस ने आलोचना की है, बल्कि सत्तारूढ़ गठबंधन के सहयोगी निर्दलीय विधायक बच्चू कडू और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना से जुड़े पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल ने भी इस फैसले पर आपत्ति जताई है। कडू ने राणा की उम्मीदवारी को ‘लोकतंत्र का पतन’ बताया और कहा कि उन्हें हराना होगा। अडसुल ने इस कदम को महायुति का ‘राजनीतिक आत्महत्या’ वाला कदम बताया और घोषणा की कि भले ही उनकी पार्टी उनका समर्थन नहीं करे, फिर भी वह राणा के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।

नवनीत ने शिवसेना सांसद को दी थी शिकस्त  

नवनीत राणा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अमरावती से अविभाजित शिवसेना के तत्कालीन सांसद अडसुल को हराया था। चुनाव के बाद उनके खिलाफ फर्जी जाति प्रमाणपत्र जमा करने के आरोप लगने लगे। बंबई उच्च न्यायालय ने 8 जून, 2021 को कहा था कि राणा ने ‘मोची’ जाति का जो प्रमाणपत्र जमा किया है उसे फर्जी दस्तावेजों के जरिए धोखाधड़ी से हासिल किया गया। अदालत ने उन पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। उच्चतम न्यायालय ने उनके जाति प्रमाणपत्र को रद्द करने के उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर पिछले महीने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।  

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