Sunday, April 27, 2025
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मणिपुर में एक बार फिर भड़की हिंसा, कुकी बहुल क्षेत्रों में बंद के कारण सामान्य जनजीवन हुआ प्रभावित

मणिपुर के कांगपोकपी जिले में सुरक्षाबलों ने मोर्चा संभाल लिया। कुकी-बहुल क्षेत्रों में बंद के कारण समान्य जनजीवन प्रभावित हुआ है। विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों को घरों में रहने की अपील की गई है।

Edited By: Dhyanendra Chauhan @dhyanendraj
Published : Mar 09, 2025 19:26 IST, Updated : Mar 09, 2025 19:54 IST
मणिपुर में भड़की हिंसा
Image Source : FILE PHOTO PTI मणिपुर में भड़की हिंसा

मणिपुर में ‘सुरक्षाबलों की कार्रवाई’ के खिलाफ कुकी-जो समुदाय द्वारा आहूत अनिश्चितकालीन बंद के कारण रविवार को कुकी-बहुल क्षेत्रों में सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। कांगपोकपी जिले में स्थिति तनावपूर्ण लेकिन शांत रही, जहां एक दिन पहले शनिवार को कुकी-जो प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़पों में कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। 40 अन्य घायल हो गए थे। चुराचंदपुर और टेंग्नौपाल जिलों के अन्य कुकी-जो बहुल क्षेत्रों में भी प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाए और पत्थरों से सड़कें जाम कर दीं। सुरक्षा बल बंद सड़कों को खुलवाते दिखे। 

लोगों को घरों में रहने की अपील

हालांकि, राहत की बात यह है कि ताजा हिंसा की कोई सूचना नहीं है। राज्य में कुकी-जो बहुल क्षेत्रों में व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और सड़कों पर बहुत कम वाहन देखे गए। आंदोलनकारी लोगों से घरों के अंदर रहने की अपील करते देखे गए। जिले के एक अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग-दो (इंफाल-दीमापुर रोड) के साथ गमघीफई और जिले के अन्य हिस्सों में अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है तथा कानून-व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए गश्त की जा रही है। 

एक की मौत, 40 से अधिक घायल

अधिकारियों ने कहा कि शनिवार को कांगपोकपी जिले के विभिन्न हिस्सों में कुकी प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पों में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई। महिलाओं तथा पुलिसकर्मियों सहित 40 से अधिक अन्य घायल हो गए। राज्य भर में मुक्त आवाजाही की अनुमति देने के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश का विरोध करने पर कुकी-जो बहुल जिले में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच उस समय झड़पें हुईं, जब पुलिस ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस छोड़ी। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों के खिलाफ गुलेल का इस्तेमाल किया और शनिवार देर रात तक सुरक्षाबलों के साथ उनकी झड़प हुई। सुरक्षाबलों के कम से कम पांच वाहनों के शीशे क्षतिग्रस्त कर दिए गए। 

समुदाय बहुल लोगों का मिला समर्थन

कुकी-जो संस्था ‘द इंडिजनस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (ITLF) ने मणिपुर में कुकी जो काउंसिल (केजेसी) द्वारा आहूत अनिश्चितकालीन बंद को समुदाय बहुल सभी क्षेत्रों में समर्थन मिला है। यह बंद राज्य में सभी सड़कों पर मुक्त आवाजाही का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षाबलों की कार्रवाई के विरोध में आहूत किया गया। 

 सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर बल का प्रयोग किया

आईटीएलएफ ने एक बयान में कहा, ‘कल, कुकी-जो बहुल क्षेत्रों के रास्ते मेइती लोगों की आवाजाही की अनुमति देने के भारत सरकार के फैसले के कारण कांगपोकपी में आंदोलन और विरोध प्रदर्शन हुआ। सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर बल का प्रयोग किया।’ कुकी-जो बहुल क्षेत्रों में अनिश्चितकालीन बंद का समर्थन करते हुए आईटीएलएफ ने सभी से ‘एकजुटता के साथ बंद का सफल बनाने’ की अपील की। आईटीएलएफ ने कहा, ‘कल विरोध करने के लिए बाहर निकले सभी लोगों का आभार व्यक्त करते हैं।’ 

टायरों में आग लगाई गई और पेड़ गिराए गए

मणिपुर पुलिस ने एक बयान में कहा कि कुकी प्रदर्शनकारियों द्वारा किए गए हमलों में 27 सुरक्षाकर्मी घायल हो गए, जिन्होंने उन पर पत्थर फेंके और बड़े-बड़े पत्थर लगाकर सड़कों को जाम कर दिया, टायरों में आग लगाई और पेड़ गिरा दिए गए। बयान में कहा गया, ‘विरोध के दौरान प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों पर गोलियां चलाईं, जिसका सुरक्षाबलों ने जवाब दिया।’ इसमें कहा गया, ‘प्रदर्शनकारियों में शामिल हथियारबंद लोगों ने पथराव किया, गुलेल का इस्तेमाल किया और गोलियां बरसाईं जिससे सुरक्षाबलों के 27 जवान घायल हो गए, जिनमें से दो की हालत गंभीर है।’

(भाषा के इनपुट के साथ)

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