हैदराबाद। सरकार के देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को गति देने पर जोर दिये जाने के बीच तीन इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी विनिर्माता जल्दी ही तेलंगाना में 1500 करोड़ रुपये के निवेश से कारखाने लगा सकते हैं। इन तीनों कंपनियों की संयुक्त क्षमता 10,000 मेगावाट है।
तेलंगाना के इलेक्ट्रानिक्स निदेशक सुजल कर्मपुरी ने कहा कि एक-दो महीने में तीन अलग-अलग विनिर्माण संयंत्रों का निर्माण शुरू होने की संभावना है। उसके बाद बैटरियों (ली-आयन) का उत्पादन नौ से 15 महीनों में शुरू होने की उम्मीद है। उन्होंने कंपनी के नाम नहीं बताये।
अधिकारी ने यह भी संकेत दिया कि चरणबद्ध तरीके से शुरूआती उत्पादन क्षमता आने वाले समय में 1,000 मेगावाट से बढ़ाकर 10,000 मेगावाट की जाएगी। इसके लिये 6,000 करोड़ रुपये निवेश किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि फिलहाल यह अभी प्रस्तावित है। हम एक-दो महीने में नामों की घोषणा करेंगे। ये तीनों कंपनियां संयुक्त रूप से 1,500 करोड़ रुपये का निवेश करेंगी।
कर्मपुरी ने कहा कि कारखानों की क्षमता तीन चरणों में बढ़ायी जाएगी। पहले चरण में 1,000 मेगावाट क्षमता के साथ उत्पादन शुरू किया जाएगा। उसके बाद दूसरे चरण में इसे बढ़ाकर 5,000 मेगावाट किया जाएगा। तेलंगाना सरकार ने हाल ही में नीति आयोग को सूचित किया कि वह गीगावाट पैमाने पर ली-आयन बैटरी बनाने का कारखाना लगाने में सक्षम है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिये 200 एकड़ क्षेत्र में पार्क का विकास कर रही है। इसे बाद में विकसित कर 800 एकड़ में विकसित किया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि नीति आयोग ने सभी तीन-पहिया और 150 सीसी से कम दो-पहिया वाहनों को क्रमश: 2023 तथा 2025 तक बिजली चालित बनाने का प्रस्ताव रखा है।