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  4. अब नई ईंधन से दौड़ेगी कारें, फ्लेक्सी फ्यूल को अनिवार्य करने जा रही है सरकार

जल्द 62 रुपये प्रति लीटर वाले ईंधन से दौड़ेगे वाहन, सरकार लेने जा रही है बड़ा फैसला

गडकरी ने कहा, पेट्रोलियम आयात को कम करने के लिए मैं अगले दो-तीन दिन में एक आदेश पर हस्ताक्षर करने जा रहा हूं

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: November 30, 2021 16:38 IST
जल्द 62 रुपये प्रति...- India TV Paisa

जल्द 62 रुपये प्रति लीटर वाले ईंधन से दौड़ेगे वाहन, सरकार लेने जा रही है बड़ा फैसला

Highlights

  • कार कंपनियों के लिए अनिवार्य फ्लेक्स-ईंधन इंजन लाने का आदेश जारी होगा
  • फ्लेक्स-ईंधन इंजन में एक से अधिक ईंधनों का इस्तेमाल किया जा सकता है
  • इंजन के वाहनों में डिजाइन होने पेट्रोल-डीजल की जरूरत नहीं पड़ेगी

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि वह अगले दो-तीन दिन में कार कंपनियों के लिए अनिवार्य रूप से फ्लेक्स-ईंधन इंजन लाने का आदेश जारी करेंगे। फ्लेक्स-ईंधन इंजन में एक से अधिक ईंधनों का इस्तेमाल किया जा सकता है। इस इंजन के वाहनों में डिजाइन होने पेट्रोल-डीजल की जरूरत नहीं पड़ेगी। केंद्रीय मंत्री इससे पहले भी कई बार इस बात को दोहरा चुके हैं

गडकरी ने सोमवार को यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत हर साल आठ लाख करोड़ रुपये के पेट्रोलियम उत्पादों का आयात करता है। यदि भारत की पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भरता बनी रहती है, तो अगले पांच साल में आयात बिल बढ़कर 25 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा, ‘‘पेट्रोलियम आयात को कम करने के लिए मैं अगले दो-तीन दिन में एक आदेश पर हस्ताक्षर करने जा रहा हूं। इसके तहत कार विनिर्माताओं के लिए फ्लेक्स-ईंधन इंजन लाना अनिवार्य होगा।’’ 

गडकरी ने बताया कि टोयोटो मोटर कॉरपोरेशन, सुजुकी और हुंदै मोटर इंडिया के शीर्ष अधिकारियों ने अपने वाहनों में फ्लेक्स-ईंधन इंजन पेश करने का आश्वासन दिया है।

कैसे करता है फ्लेक्स इंजन काम

फ्लेक्स इंजन में एक तरह के फ्यूल मिक्स सेंसर यानी फ्यूल ब्लेंडर सेंसर का इस्तेमाल होता है। यह मिश्रण में ईंधन की मात्रा के अनुसार खुद को एड्जेस्ट कर लेता है। जब आप गाड़ी चलाना शुरू करते हैं, तो ये सेंसर एथेनॉल, मेथनॉल और गैसोलीन का अनुपात, या फ्यूल की अल्कोहल कंसंट्रेशन को रीड करता है। इसके बाद यह इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल मॉड्यूल को संकेत भेजता है और ये कंट्रोल मॉड्यूल तब अलग-अलग फ्यूल की डिलीवरी को कंट्रोल करता है।

खास तरह से डिजाइन होते हैं ये इंजन

फ्लेक्स इंजन वाली गाड़ियां बाय-फ्यूल इंजन वाली गाड़ियों से काफी अलग होती हैं। बाय-फ्यूल इंजन में अलग-अलग टैंक होते हैं, जबकि फ्लेक्स फ्यूल इंजन में आप एक ही टैंक में कई तरह के फ्यूल डाल सकते हैं। ऐसे इंजन खास तरह से डिजाइन किए जाते हैं।

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