नई दिल्ली। केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने गुरुवार को कहा कि 10 राज्यों ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत मुफ्त अनाज वितरण की अवधि तीन महीने और बढ़ाने की मांग की है। कोरोना काल में मिल रही आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने मार्च में 1.70 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी, जिसमें पीएमजीकेएवाई के तहत देश में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के अंतर्गत सार्वजनिक वितरण प्रणाली के प्रत्येक लाभार्थी को तीन महीने तक हर महीने पांच किलो अनाज और राशनकार्ड धारक प्रत्येक परिवार को एक किलो दाल देने की घोषणा की थी।
केंद्र सरकार ने पीएमजीकेएवाई के तहत मुफ्त राशन वितरण के लिए राज्यों को अप्रैल, मई और जून महीने का अनाज मुहैया करवाया, लेकिन अब कुछ राज्यों की ओर से इसे आगे तीन महीने और बढ़ाने की मांग की जा रही है। केंद्रीय मंत्री पासवान ने कहा कि 10 राज्यों ने केंद्र सरकार को पीएमजीकेएवाई के तहत निशुल्क खाद्यान्न वितरण तीन महीनों के लिए और बढ़ा देने के लिए पत्र लिखा है। पासवान ने गुरुवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए एक बैठक में 'वन नेशन वन राशन कार्ड' की प्रगति का जायजा लिया।
बैठक में जिन 14 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में अब तक इस योजना के तहत राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी शुरू नहीं हो पाई है वहां की प्रगति का जायजा लिया गया। मंत्रालय ने बताया कि असम, छत्तीसगढ़, दिल्ली, मेघालय एवं तमिलनाडु के खाद्य मंत्रियों ने बैठक में भाग लिया, जबकि अन्य राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व वहां के खाद्य सचिवों ने किया।
पासवान ने कहा कि कोविड-19 महामारी के समय में, वन नेशन वन राशन कार्ड योजना प्रवासी मजदूरों, फंसे हुए व जरुरतमंद लोगों के लिए लाभदायक साबित हुई और वे जहां थे वहां अपने हिस्से का राशन ले पाए। उन्होंने कहा कि अगस्त 2020 तक तीन अन्य राज्य-उत्तराखंड, नागालैंड एवं मणिपुर राष्ट्रीय क्लस्टर से जुड़ जाएंगे और विभाग इस वर्ष के अंत तक वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत बाकी सभी 14 राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल करने की कोशिश कर रहा है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी शुरू नहीं करने वाले अधिकांश राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने सितंबर 2020 के आखिर तक इस योजना से जुड़ने की उम्मीद जताई जबकि तीन राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, मेघालय एवं पश्चिम बंगाल ने दिसंबर 2020 से पहले पूर्ण कार्यान्वयन की संभावना जाहिर की।
मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि बैठक में, अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह, अरुणाचल प्रदेश, लक्षद्वीप एवं मेघालय ने इंटरनेट की स्पीड कम होने व सीमित नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या बताई, जिस पर केंद्रीय मंत्री पासवान ने आश्वासन दिया कि नेटवर्क कनेक्टिविटी से संबंधित शिकायतें उपयुक्त समाधान एवं देश भर में 'एक देश, एक राशन कार्ड' के सुगम कार्यान्वयन के लिए दूरसंचार विभाग के समक्ष उठाई जाएंगी।