नई दिल्ली। पंजाब नैशनल बैंक (PNB) ने अपने कर्ज जोखिम आकलन नियमों को और कड़ा किया है। इसका मकसद धोखाधड़ी को रोकना है। इसके अलावा उसने जोखिम की पहचान के लिए बाहर से निगरानी की भी व्यवस्था की है। PNB ने एक बयान में कहा कि बैंक ने ऋण जोखिम आकलन की प्रक्रिया को और कड़ा कर दिया है ताकि उचित मूल्यांकन सुनिश्चित किया जा सके और किसी तरह की धोखाधड़ी की संभावना को खत्म किया जा सके।
उल्लेखनीय है कि देश के इस दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक ने इस फरवरी - मार्च में हीरा व्यापारी नीरव मोदी के जरिये 13,000 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी का मामला सामने आया था। PNB ने कहा कि कर्ज जोखिम आकलन की प्रक्रिया को चार भागों में विभाजित किया गया है जिसे अलग - अलग कर्मचारी देखेंगे। यह प्रक्रियाएं चार बातों पर लक्षित होंगी जिनमें सोर्सिंग , आकलन, प्रसंस्करण एंव जोखिम आकलन, दस्तावेजीकरण एवं वितरण और वसूली शामिल हैं।
बैंक ने कहा है कि पीएनबी नेतृत्व ने 2018- 19 के लिये कुल 12 लाख करोड़ रुपये के कारोबार की उम्मीद जताई हैजो कि साल दर साल आधार पर 10.8 प्रतिशत वृद्धि दर्शाती है।