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भारतीयों ने कर दिखाया कमाल, 'फलों से भी बनाई जा सकती है बिजली',

देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित गैर परंपरागत ऊर्जा संरक्षण कार्यशाला में बताया गया कि फलों और सब्जियों से भी बिजली तैयार की जा सकती है।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Published on: May 09, 2016 10:32 IST
Conventional Energy: भारतीयों ने कर दिखाया कमाल, ‘फलों से भी बनाई जा सकती है बिजली’,- India TV Paisa
Conventional Energy: भारतीयों ने कर दिखाया कमाल, ‘फलों से भी बनाई जा सकती है बिजली’,

हरिद्वार। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में आयोजित गैर परंपरागत ऊर्जा संरक्षण कार्यशाला में बताया गया कि फलों और सब्जियों से भी बिजली तैयार की जा सकती है। कार्यशाला का रविवार को समापन हो गया। यह कार्यशाला उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) एवं राष्ट्रीय विज्ञान प्रौद्योगिकी संचार परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित थी। इस दौरान शांतिकुंज में लगाए गए सौर ऊर्जा के पैनलों से लेकर देवंसस्कृति विश्वविद्यालय में गौबर गैस प्लांट आदि परंपरागत ऊर्जा का सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया गया।

प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या के अनुसार, आज गैर पारंपरिक ऊर्जा का बड़े पैमाने पर उपयोग किया जा रहा है। जर्मनी, जापान आदि देशों में लगभग 90 प्रतिशत गैर परंपरागत ऊर्जा का ही उपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा, “इस क्षेत्र में ज्ञान से ज्यादा जागरूकता जरूरी है। आज हमें स्वार्थ संकीर्णता और निष्क्रियता से अलग होकर सोचना होगा, ताकि सभी लोग अपनी-अपनी जिम्मेदारी को ठीक ढंग से निभा सकें।” कुलसचिव संदीप कुमार ने कहा कि प्रकृति के हित में जीना और प्रकृति के अनुसार ही आचरण करने से 21वीं सदी में उज्ज्वल भविष्य का स्वप्न पूरा हो सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ फ्लोरिडा के प्रो. भुवन उनलीकर ने आध्यात्मिक ऊर्जा से गैर परंपरागत ऊर्जा को जोड़ते हुए अपनी बात रखी।

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वहीं, आईआईटी-रुड़की से आए प्रो. सतपति कुमार ने जामुन से बिजली बनाना सिखाया। उन्होंने फलों से बिजली तैयार करने की प्रक्रिया भी प्रदर्शित की। यूसर्क की डॉ. रीमा पंत ने फॉयल पेपर के माध्यम से अपने मॉडल को सौर ऊर्जा से जोड़कर प्रायोगिक जानकारी दी तो देसंविवि के भूपेंद्र मंडल ने जियो इलेक्ट्रिसिटी का मॉडल दिखाया। हैंड ऑन ट्रेनिंग सत्र में सभी वक्ताओं ने छात्र-छात्राओं को नई तकनीकों के माध्यम से प्रशिक्षण दिया। साथ ही ऊर्जा के विभिन्न आयामों पर वक्ताओं ने विस्तृत जानकारी दी और छात्र-छात्राओं को ऊर्जा बचत एवं ऊर्जा बनाने के प्राकृतिक तकनीकों से अवगत कराया।

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