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FICCI: अवैध कारोबार से निपटने के लिए चाहिए राष्ट्रीय एजेंसी, देश को हुआ 39 हजार करोड़ का नुकसान

FICCI: देश में तेजी से पनपते अवैध कारोबार से निपटने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NAI) की ही तरह एक अलग एजेंसी बनाए जाने की जरूरत है।

Ankit Tyagi Ankit Tyagi
Updated on: May 25, 2017 13:28 IST
FICCI: अवैध कारोबार से निपटने के लिए चाहिए राष्ट्रीय एजेंसी, देश को हुआ 39 हजार करोड़ का नुकसान- India TV Paisa
FICCI: अवैध कारोबार से निपटने के लिए चाहिए राष्ट्रीय एजेंसी, देश को हुआ 39 हजार करोड़ का नुकसान

नई दिल्ली। देश में तेजी से पनपते अवैध कारोबार से निपटने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी की ही तरह एक अलग एजेंसी बनाए जाने की जरूरत है। अवैध कारोबार से वैध कारोबार करने वाले उद्योगों को तो नुकसान हो ही रहा है इसका अर्थव्यवस्था और उपभोक्ताओं को भी खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। उद्योग मंडल फिक्की (FICCI) में कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने यह कहा है।

हुआ 39 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान

उद्योग मंडल फिक्की की तस्करी और जालसाजी गतिविधियां से अर्थव्यवस्था को नुकसान पर एक समिति द्वारा तैयार रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में केवल सात विनिर्माण क्षेत्रों में अवैध कारोबार से सरकार को 39,239 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यह भी पढ़े: देश की जीडीपी वृद्धि दर 7.4 फीसदी रहने का अनुमान, इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर में सुधार से मिलेगा सहारा

आतंकवादी गतिविधियों में होता है इस पैसे का इस्तेमाल
सुष्मिता देव ने कहा कि अवैध कारोबार, तस्करी और नकली सामानों के कारोबार से मिलने वाला ज्यादातर धन आतंकवादी गतिविधियों और अपराध नेटवर्क के वित्तपोषण में जाता है, इसलिये जरूरी है कि इस तरह की गतिविधियों को रोका जाये। विशेषकर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर इस तरह की गतिविधियां ज्यादा होतीं हैं।रीयल एस्टेट कानून को और 14 राज्य करेंगे अधिसूचित, जुलाई अंत तक करना होगा प्रोजेक्ट्स का रजिस्ट्रेशन

बननी चाहिए राष्ट्रीय एजेंसी
फिक्की द्वारा यहां अवैध कारोबार का उद्योग, अर्थव्यवस्था और उपभोक्ता पर प्रभाव पर कल यहां आयोजित एक परिचर्चा में देव ने कहा, नकली और जाली सामान हमारी अर्थव्यवस्था में नहीं पहुंचे इस काम को देखने के लिये एनआईए जैसी एक राष्ट्रीय एजेंसी होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, अवैध करोबार के बारे में जानकारी जुटाने के लिये एक एकल डाटाबेस होना चाहिये, इससे कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिये इसे नियंत्रित करना आसान होगा। आतंकवादी गतिविधियों की जांच के लिये 2009 में एनआईए का गठन किया गया था।

इन वजहों से पनप रहा है अवैध कारोबार
एचपीई इंडिया के भारत प्रबंधक पंकेज कालरा ने कहा कि उपभोक्ताओं के बीच नकली उत्पादों के बारे में जागरकता की कमी होना देश में अवैध कारोबार के पनपने की सबसे बड़ी वजह है। उन्होंने कहा, कुछ लोगों को नकली उत्पादों के बारे में जानकारी नहीं होती, कुछ इन्हें इसलिये खरीदते हैं कि ब्रांडेड उत्पाद महंगे होते हैं उनकी पहुंच से बाहर होते हैं। हमारे पास एक पारदर्शी प्रणाली होनी चाहिये। इस स्थिति से निपटने के लिये सभी पक्षों के बीच एक गठबंधन होना चाहिये। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्री :फिक्की: की उपभोक्ता मंच के चेयरमैन एल. मानसिंह और डीआरआई के अतिरिक्त निदेशक पंकज कुमार सिंह ने भी परिचर्चा में भाग लिया।

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