नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था में हाल के दिनों में आई सुस्ती को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बयान आया है, निर्मला सीतारमण ने कहा है कि भारत में आर्थिक मंदी का असर नहीं है और देश की ग्रोथ रेड चीन और अमेरिका से आगे है। वित्त मंत्री ने कहा कि हाल के दिनों में अर्थव्यवस्था में जो सुस्ती आई है उसकी वजह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आई सुस्ती है।
वित्त मंत्री ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन और शॉर्ट टर्म कैपिटल पर सरचार्ज को खत्म करने की घोषणा की है। इसके अलावा एफपीआई को आकर्षित करने के लिए वित्त मंत्री ने बजट में सरचार्ज बढ़ाने की घोषणा को भी वापस लेने का ऐलान किया है।
सरकारी बैंको ने यह आश्वासन दिया है कि एमसीएलआर में होने वाली किसी भी कटौती का पूरा फायदा वो ग्राहकों तक पहुंचाना सुनिश्चित करेंगे। सभी कॉरपोरेट्स, एमएसएमई और छोटे उद्योगों को पर्याप्त ऋण उपलब्ध कराने के लिए सरकार बैंकों को 70,000 करोड़ रुपए की अपफ्रंट मदद प्रदान करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि होम लोन, कार लोन और कॉरपोरेट लोन को भी सीधे रेपो रेट से जोड़ा जाएगा, जिससे भविष्य में रेपो रेट में होने वाली कमी का पूरा फायदा अंतिम ग्राहकों तक पहुंचेगा।
वित्त मंत्री ने कहा सुधार एक निरंतर प्रक्रिया है और अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए मोदी सरकार हमेशा सुधारों पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि आर्थिक सुधारों का असर दिखने लगा है और जीएसटी को और सरल बनाने का प्रयास किया जा रहा है। सीएसआर का उल्लंघन अब अपराध नहीं माना जाएगा और यह अब सिविल मामला होगा।
सीतारमण ने कहा कि भारत की वृद्धि दर अमेरिका और चीन से ज्यादा है। मोदी सरकार टैक्स और लेबर कानून में सुधार किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि एक अक्टूबर 2019 से सभी आयकर नोटिस सेंट्रल क्लीयरेंस के बाद ही जारी किए जाएंगे और आयकरदाताओं का सामना अधिकारियों से नहीं होगा। सभी आईटी नोटिस सेंट्रालाइज्ड होंगे।
एमएसएमई के लिए बैंक वन टाइम सेटलमेंट पॉलिसी लेकर आएंगे, जो पहले से काफी पारदर्शी होगी। इसके लिए बैंक चेक बॉक्स सिस्टम को अपनाएंगे।