
Govt proposes to make FASTag mandatory for old vehicles sold before Dec 2017
नई दिल्ली। टोल टैक्स का भुगतान डिजिटल और आईटी-बेस्ड तरीके से करने को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने दिसंबर, 2017 से पहले खरीदे गए सभी वाहनों के लिए FASTag को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव पेश किया है। सड़क परिवहन मंत्रालय ने इस संबंध में एक अधिसूचना जारी की है, जिसमें कहा गया है कि नियमों में संशोधन के बाद 1 जनवरी, 2021 से सभी पुराने वाहनों के लिए फास्टैग को अनिवार्य किया जाएगा।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि 1 दिसंबर, 2017 से पहले बिके सभी पुराने वाहनों के लिए फास्टैग को अनिवार्य बनाने के लिए सभी हितधारकों से सुझाव मांगने के लिए ड्राफ्ट अधिसूचना जारी की गई है। सेंट्रल मोटर व्हीकल्स रूल्स, 1989 में संशोधित प्रावधानों को एक जनवरी, 2021 से लागू करने का प्रस्ताव किया गया है।
इसमें कहा गया है कि नया थर्ड पार्टी बीमा लेने के लिए भी वैध फास्टैग होना भी अनिवार्य किए जाने का प्रस्ताव है। थर्ड पार्टी बीमा करवाते समय फास्टैग आईडी बताना भी अब जरूरी होगा। यह नियम एक अप्रैल, 2021 से प्रभावी करने का प्रस्ताव किया गया है।
सीएमवीआर, 1989 के मुताबिक 2017 से नए चार पहिया वाहनों के रजिस्ट्रेशन के लिए फास्टैग को अनिवार्य किया गया है। यह फास्टैग वाहन निर्माता या उसके डीलर द्वारा उपलब्ध कराया जाता है। बयान में यह भी कहा गया है कि ट्रांसपोर्ट वाहनों के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट लेने के लिए फास्टैग को अनिवार्य बनाने का भी प्रस्ताव है। नेशनल परमिट वाले व्हीकल के लिए फास्टैग को 1 अक्टूबर, 2019 से अनिवार्य किया जा चुका है।
फास्टैग एक ऐसा डिवाइस है, जिसमें रेडियो फ्रेंक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। इसे वाहन के विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है और यह वाहन चालकों को टोल प्लाजा पर बिना रुके डिजिटल शुल्क भुगतान की सुविधा प्रदान करता है। टोल प्लाजा पर स्कैनर फास्टैग को स्कैन करता है और प्रीपेड या सेविंग एकाउंट से सीधे भुगतान प्राप्त करता है।