
Hike in gold import duty to force gem & jewellery businesses to shift to neighbouring countries: GJEPC
नयी दिल्ली। आम बजट 2019-20 में सोने पर आयात शुल्क को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत करने की वजह से स्थानीय कारोबारियों को अपना कारोबार पड़ोसी देशों में ले जाने पर मजबूर होना पड़ेगा। रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने सरकार के इस फैसले पर निराशा जाहिर करते हुए शनिवार को यह बात कही।
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जीजेईपीसी के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि एक उद्योग के तौर पर सोना-चांदी और अन्य बहुमूल्य धातुओं पर आयात शुल्क बढ़ाए जाने से हमें निराशा है। उन्होंने कहा कि आभूषण क्षेत्र पहले से संघर्ष के दौर से गुजर रहा है। क्षेत्र में निर्यात और रोजगार घटा है। उद्योग विशेषज्ञों के अनुसार सरकार के इस फैसले से देश में सोने की तस्करी बढ़ सकती है।
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अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने सरकार से इस पर आयात शुल्क घटाने की सिफारिश की थी क्योंकि यह क्षेत्र के लिए सबसे अहम कच्चा माल है। सरकार के इस कदम का असर यह होगा कि कारोबारियों के अपना कारोबार पड़ोसी देशों में स्थानांतरित करने में वृद्धि हो सकती है। विदेशी पर्यटक यहां आभूषण खरीदने के लिए रुकेंगे जबकि बड़े हीरों को तराशने का काम वियतनाम और चीन जैसे पड़ोसी प्रतिस्पर्धी देशों में चला जाएगा।
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उन्होंने कहा कि निर्यातक सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार करने के लिए कहेंगे। विश्व स्वर्ण परिषद के भारत के प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पी. आर. ने भी कहा कि आयात शुल्क में बढ़ोत्तरी देश के स्वर्ण उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा। भारत दुनिया का सबसे बड़ा स्वर्ण आयातक और आभूषण क्षेत्र की मांग पूर्ति करने वाला प्रमुख निर्यातक देश है।