Sunday, May 05, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. ऑयल इंडिया-इंडियन ऑयल के करार से ओवीएल का वैंकॉर सौदा बिगड़ा

ऑयल इंडिया-इंडियन ऑयल के करार से ओवीएल का वैंकॉर सौदा बिगड़ा

ऑयल इंडिया-इंडियन ऑयल-भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के 2.02 अरब डॉलर में वैंकॉर तेल क्षेत्र में 23.9 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण का सौदा का मामला बिगाड़ा।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Updated on: July 06, 2016 20:32 IST
ऑयल इंडिया-इंडियन ऑयल के करार से ओवीएल का वैंकॉर सौदा बिगड़ा- India TV Paisa
ऑयल इंडिया-इंडियन ऑयल के करार से ओवीएल का वैंकॉर सौदा बिगड़ा

नई दिल्ली। ऑयल इंडिया, इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन के 2.02 अरब डॉलर में रूस के वैंकॉर तेल क्षेत्र में 23.9 फीसदी हिस्सेदारी के अधिग्रहण सौदे से ओएनजीसी विदेश लि. (ओवीएल) के इसी क्षेत्र में 11 फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने के लिए मूल्य घटाने की बातचीत का मामला बिगाड़ दिया। तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) की विदेश इकाई ओवीएल ने पिछले साल सितंबर में वैंकॉर के रूस में दूसरे सबसे बड़े तेल क्षेत्र में 15 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण 1.268 अरब डॉलर में किया था।

इस साल मार्च में रोसनेफ्ट ने 11 फीसदी और हिस्सेदारी ओवीएल को बेचने की सहमति दी थी। इसी के साथ उसने वैंकॉर की 23.9 फीसदी हिस्सेदारी ऑयल इंडिया, इंडियन ऑयल तथा भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन की इकाई वाले गठजोड़ को बेचने के लिए करार किया। सूत्रों ने बताया कि ओवीएल का निदेशक मंडल चाहता था कि 11 फीसदी अतिरिक्त हिस्सेदारी खरीदने के लिए मूल्य कम करने पर बातचीत हो। यदि सितंबर, 2015 के हिसाब से चला जाए तो ओवीएल को इस अतिरिक्त हिस्सेदारी के लिए 93 करोड़ डॉलर का भुगतान करना होगा। लेकिन कंपनी का निदेशक मंडल का कहना है कि चूंकि वह अमेरिका द्वारा प्रतिबंधित कंपनी में उल्लेखनीय हिस्सेदारी खरीद रही है इसलिए मूल्य को लेकर वार्ता नए सिरे से होनी चाहिए।

यह भी पढ़ें- जापान को पछाड़ भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल खपत करने वाला देश, 41 लाख बैरल रोजाना होता है कंज्यूम

एक तरफ जहां ओवीएल नए सिरे से वार्ता चाह रही थी, वहीं ऑयल इंडिया-इंडियन ऑयल-भारत पेट्रोलियम के गठजोड़ ने वैंकॉर में 23.9 फीसदी हिस्सेदारी 2.02 अरब डॉलर में लेने के लिए बाध्यकारी करार कर लिया। गठजोड़ ने रोसनेफ्ट को सौदा पूरा होने तथा पूरा भुगतान किए जाने तक ब्याज देने की भी सहमति दी है। यह 30 सितंबर तक होने की उम्मीद है। सूत्रों ने कहा कि अब रोसनेफ्ट दलील दे रही है कि जब 23.9 फीसदी हिस्सेदारी की बड़ी खरीदार सितंबर, 2015 के सौदे के तहत मूल्य देने को तैयार है, तो ऐसे खरीदार से नए सिरे से वार्ता की गुंजाइश नहीं बनती जो कम यानी 11 फीसदी हिस्सेदारी ले रहा है। सभी सौदे पूरे होने के बाद भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की वैंकॉर में 49.9 फीसदी हिस्सेदारी होगी। इससे उन्हें 2,20,000 बैरल प्रतिदिन का तेल उत्पादन मिलेगा। वैंकॉर क्षेत्र पूर्वी साइबेरिया में स्थित है और यह उत्पादन के हिसाब से रूस का दूसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है। रूस के कुल उत्पादन में इसका हिस्सा 4 फीसदी है। फिलहाल इसका उत्पादन 4,22,000 बैरल प्रतिदिन है।

यह भी पढ़ें- देश में स्‍थापित होगी सबसे बड़ी रिफाइनरी, IOC, BPCL, HPCL मिलकर करेंगी 1.5 लाख करोड़ निवेश

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement