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केंद्र सरकार तय करेगी न्‍यूनतम वेतन, श्रम मंत्रालय ने वेतन संहिता विधेयक पर मांगी मंत्रिमंडल की मंजूरी

श्रम मंत्रालय ने वेतन संहिता विधेयक के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी मांगी है, जिसके तहत केंद्र को पूरे देश में न्यूनतम वेतन तय करने का अधिकार होगा।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Published on: February 19, 2016 16:39 IST
केंद्र सरकार तय करेगी न्‍यूनतम वेतन, श्रम मंत्रालय ने वेतन संहिता विधेयक पर मांगी मंत्रिमंडल की मंजूरी- India TV Paisa
केंद्र सरकार तय करेगी न्‍यूनतम वेतन, श्रम मंत्रालय ने वेतन संहिता विधेयक पर मांगी मंत्रिमंडल की मंजूरी

नई दिल्ली। श्रम मंत्रालय ने वेतन संहिता विधेयक के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी मांगी है, जिसके तहत केंद्र को पूरे देश में विभिन्न क्षेत्रों के लिए न्यूनतम वेतन तय करने का अधिकार होगा। श्रम सचिव शंकर अग्रवाल ने श्रम सुधार पर आयोजित एक गोष्ठी के बाद कहा, हमने वेतन संहिता विधेयक को मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेज दिया है। हम सप्ताह भर में औद्योगिक संबंध पर श्रम संहिता विधेयक भी भेजेंगे। उन्होंने कहा, हम देश में सभी क्षेत्रों के लिए न्यूनतम वेतन के लिए एक प्रणाली तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल, केंद्र और राज्यों को विभिन्न क्षेत्रों के लिए अपने संबंधित क्षेत्राधिकार में न्यूनतम वेतन तय करने का अधिकार है।

मंजूरी मिलने पर वेतन संहिता के तहत कामगारों के लिए न्यूनतम वेतन तय करने की मंजूरी होगी, जिसका अनुपालन राज्य भी करेंगे। इस प्रावधान से सुनिश्चित होगा कि देश भर में कामगारों को न्यूनतम वेतन मिले।  हालांकि, राज्य इससे ज्यादा वेतन की सिफारिश करने के लिए स्वतंत्र होंगे। श्रम मंत्रालय अगले सप्ताह शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र में वेतन संहिता और औद्योगिक संबंध संहिता को आगे बढ़ाएगा।

केंद्र, श्रम सुधार के जरिये 44 श्रम कानूनों को चार श्रम संहिताओं- वेतन, औद्योगिक संबंध, सामाजिक सुरक्षा एवं संरक्षा- में तब्दील करना चाहता है। मंत्रालय कामगारों को नियुक्त करने में लचीलापन प्रदान कर कारोबार सुगमता को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए श्रम सुधारों को आगे बढ़ा रहा है। अग्रवाल ने कहा हर साल एक करोड़ नौकरियां पैदा करना बड़ी चुनौती है, जो श्रम कानूनों में बदलाव के जरिये वास्तविकता बन सकता है। उन्होंने कहा, कई नियम-कानून हैं, जो अड़चनें पैदा कर रहे हैं। हमें 1926, 1936, 1946 में तैयार श्रम कानूनों में बदलाव करना है। सरकार की भूमिका मध्यस्थ की होगी।

अग्रवाल ने यह भी कहा कि सेवानिवृत्ति कोष संगठन ईपीएफओ और ईएसआईसी के दायरे में देश के कार्यबल का 10 फीसदी हिस्सा आता है और सरकार चाहती है कि हर कर्मचारी और व्यक्ति को अच्छी गुणवत्ता वाली सामाजिक सुरक्षा योजनाएं मिलें। मंत्रालय ने लघु फैक्ट्री विधेयक भी मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए भेजा है, जिसके तहत 40 से कम कामगारों वाली इकाइयों को 14 श्रम कानूनों के अनुपालन से छूट मिलेगी।  यह इकाइयां अपने कर्मचारियों के लिए खुले बाजार से स्वास्थ्य बीमा और भविष्य निधि उत्पाद ले सकती हैं।

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