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MFs ने अक्‍टूबर में इक्विटी से निकाले 14,300 करोड़, FPI ने नवंबर के पांच कारोबारी सत्रों में किया 8,381 करोड़ निवेश

अमेरिकी चुनाव पर चिंता और घरेलू अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच निवेशक लगातार निवेश को भुनाये जा रहे थे। सितंबर तिमाही के दौरान इक्विटी केंद्रित म्यूचुअल फंडों से निवेशकों ने 7,200 करोड़ से अधिक भुनाये।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : November 09, 2020 8:34 IST
(चित्र प्रतीकात्मतक- India TV Paisa
Photo:FILE PHOTO

म्यूचुअल फंड्स ने अकटूबर महीने में इकविटी से 14,300 करोड़ रुपये की भारी-भरकम निकासी की। यह निकासी का लगातार पांचवां महीना रहा।  (चित्र प्रतीकात्‍मक) 

नई दिल्‍ली। म्यूचुअल फंड्स ने अक्टूबर महीने में इक्विटी से 14,300 करोड़ रुपये की भारी-भरकम निकासी की। यह निकासी का लगातार पांचवां महीना रहा। सेबी के आंकड़ों के यह पता चला है। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के अनुसार, म्यूचुअल फंड्स ने इस साल जनवरी से मई के दौरान शेयर बाजारों में 40 हजार करोड़ रुपये से अधिक का शुद्ध निवेश किया था।

फिनोलॉजी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पंकज कामरा ने कहा कि निकासी का एक प्रमुख कारण यह था कि अमेरिकी चुनाव पर चिंता और घरेलू अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच निवेशक लगातार निवेश को भुनाये जा रहे थे। सितंबर तिमाही के दौरान इक्विटी केंद्रित म्यूचुअल फंडों से निवेशकों ने 7,200 करोड़ से अधिक भुनाये। इस दौरान एसआईपी फोलियो में भी निवेश में कमी देखी गई। कामरा ने कहा कि निकासी का एक अन्य कारण कुछ क्षेत्रों में मुनाफावसूली हो सकता है। इसके अलावा परिदृश्य की अनिश्चितता के मद्देनजर नकदी रखने की आवश्यकता ने भी इसमें योगदान दिया।

एफपीआई ने नवंबर के पांच कारोबारी सत्रों में 8,381 करोड़ रुपये निवेश किए

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने नवंबर के पहले पांच कारोबारी सत्रों में भारतीय बाजारों में 8,381 करोड़ रुपये निवेश किए। कारोबारी गतिविधियों की बहाली और उम्मीद से बेहतर तिमाही नतीजों के चलते इस दौरान प्रतिभागियों का भरोसा बढ़ा। शेयर बाजार के आंकड़ों के मुताबिक एफपीआई ने इक्विटी में सकल आधार पर 6,564 करोड़ रुपये और ऋण खंड में 1,817 करोड़ रुपये का निवेश किया। इस तरह 2-6 नवंबर के बीच कुल 8,381 करोड़ रुपये का निवेश किया गया।

विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में भारतीय बाजारों में शुद्ध 22,033 करोड़ रुपये की खरीदारी की थी। मॉर्निंग स्टार इंडिया के संयुक्त निदेशक- शोध प्रबधंक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अर्थव्यवस्था को खोलने, व्यावसायिक गतिविधियों की बहाली और उम्मीद से बेहतर तिमाही नतीजों ने भारतीय बाजारों में निवेशकों की दिलचस्पी बरकरार रखी है। उन्होंने कहा कि भारत में कोविड-19 के मामलों में कमी और अमेरिकी डॉलर के रुख में कमजोरी के चलते भी निवेशकों की भावनाएं मबजूत हुईं। श्रीवास्तव ने कहा कि ऋण खंड में निवेश के लिए अन्य कारकों के साथ ही आरबीआई द्वारा घोषित हालिया उपायों ने एफपीआई निवेश को आकर्षित किया।

ग्रोव के सह-संस्थापक और सीओओ हर्ष जैन ने कहा कि भारत में सभी सेक्टरों में विदेशी निवेश आया और अच्छी गुणवत्ता वाली कंपनियों में निवेश किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी चुनाव परिणाम के बाद निवेशकों की भावना में अधिक स्थिरता की उम्मीद की जा सकती है।

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