नई दिल्ली। रिलायंस जियो की एंट्री के बाद से टेलीकॉम सेक्टर में मौजूद सभी कंपनियों को अपने टैरिफ प्लान के दाम घटाने पड़े। यह लड़ाई इतनी बढ़ी की सभी कंपनियां नकदी संकट से अभी तक जूझ रही हैं। फिच रेटिंग्स का कहना है कि अब आगे और अधिक डिस्काउंट मिलने की संभावना बहुत सीमित है क्योंकि अरबपति मुकेश अंबानी के नेतृत्व वाली जियो अपने 40 अरब डॉलर से अधिक के निवेश पर अब रिटर्न हासिल करने की कोशिश करेगी।
फिच रेटिंग्स में एशिया-पेसीफिक कॉरपोरेट रेटिंग्स के डायरेक्टर नितिन सोनी का कहना है कि जैसे ही रिलायंस जियो 30 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल करेगी, वैसे ही वह अपनी रणनीति बदलकर शिकारी से किसान कर देगी। सोनी ने कहा कि अभी जियो शिकारी रणनीति के तहत डिस्काउंट और ऑफर्स के जरिये अपना उपभोक्ता आधार बढ़ा रही है, इसके बाद वह किसान बनकर मुनाफे की फसल काटेगी। सितंबर 2018 में रिलायंस जियो ने 1.3 करोड़ नए ग्राहक जोड़े हैं और इसके बाद इसका कुल ग्राहक आधार बढ़कर 25.2 करोड़ हो गया है।
सोनी ने कहा कि जो टेलीकॉम कंपनियां डाटा और कंटेंट क्वालिटी पर सबसे ज्यादा निवेश करेंगी और सबसे पहले कॉल ड्रॉप समस्या को हल करेंगी वहीं अगले साल टैरिफ बढ़ने के बीच ग्राहकों को अपने साथ बनाए रखने में सफल होंगी।
सोनी ने कहा कि जियो के सितंबर 2016 में कॉमर्शियल ऑपरेशन शुरू करने के बाद से टेलीकॉम इंडस्ट्री का रेवेन्यू 30 प्रतिशत से अधिक घट चुका है। जियो द्वारा सस्ता डाटा और फ्री कॉलिंग देने से प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के ऑपरेटिंग लाभ में कमी आई है। हालांकि फिच रेटिंग्स ने टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए 2019 का अपना आउटलुक स्थिर रखा है। सोनी का कहना है कि अगले साल से टैरिफ दरों में वृद्धि होगी क्योंकि रिलयांस जियो धीरे-धीरे डिस्काउंट को खत्म करेगी और अपने 40 अरब डॉलर के निवेश पर रिटर्न हासिल करने के लिए टैरिफ दरों में बढ़ोतरी करेगी।
सोनी ने कहा कि वर्तमान में भारत में टैरिफ दरें 1.3 से 1.4 डॉलर के बीच हैं, जो पूरी दुनिया में सबसे कम है। ऐसे में फिच का मानना है कि इतने कम टैरिफ पर किसी भी कंपनी को अपने निवेश पर उचित रिटर्न नहीं मिल सकता है। उन्होंने आगे कहा कि रिलायंस जियो जैसे ही 30 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल करेगी उसके बाद 2019 में अपनी शिकारी रणनीति से हटकर किसान रणनीति पर आएगी।
फिच का मानना है कि 2019 में रिलायंस जियो प्रमोशन और डिस्काउंट को धीरे-धीरे खत्म करेगी और टैरिफ दरों में बढ़ोतरी करेगी। उन्होंने आगे कहा कि गुणवत्तापूर्ण डाटा अनुभव, कम कॉलड्रॉप और कंटेंट उपलब्धता टेलीकॉम कंपनियों को ग्राहकों को अपने साथ जोड़े रखने में काफी मदद करेंगे।