नई दिल्ली। केंद्र सरकार एक साल के भीतर एक देश एक राशन कार्ड योजना को लॉन्च करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। यह कार्ड पूरे देश में किसी भी राशन की दुकान से अनाज प्राप्त करने में मदद करेगा। बेहतर काम के अवसरों के लिए एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने वाले श्रमिकों के लिए यह योजना बहुत लाभदायक सिद्ध होगी। केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने गुरुवार को कहा कि इस योजना की सभी औपचारिकताओं को एक साल के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस योजना को लागू करने के लिए सभी सरकारी राशन की दुकानों पर पीओएस (प्वाइंट ऑफ सेल) मशीनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी।
पासवान ने कहा कि हमनें एक राष्ट्र एक राशन कार्ड की ओर बढ़ने का निर्णय लिया है, जो सभी लाभार्थियों, विशेष रूप से प्रवासियों को सुनिश्चित करेगा कि वे अपनी पसंद के किसी भी राशन की दुकान से देश भर में पीडीएस (सार्वजनिक वितरण प्रणाली) का उपयोग कर सकें। यह कदम लाभार्थियों को स्वतंत्रता प्रदान करेगा क्योंकि वे किसी एक राशन की दुकान से बंधे नहीं होंगे और दुकान के मालिकों पर अपनी निर्भरता कम करेंगे और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाएंगे।
पासवान ने कहा कि इसका सबसे बड़ा लाभार्थी वे प्रवासी मजदूर होंगे, जो बेहतर रोजगार के अवसर तलाशने के लिए दूसरे राज्यों में जाते हैं और वे अपनी खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कर पाएंगे। पीडीएस (आईएमपीडीएस) प्रणाली का एकीकृत प्रबंधन आंध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा में पहले से ही चालू है, जिसमें एक लाभार्थी राज्य के किसी भी जिले से अपने हिस्से का खाद्यान्न प्राप्त कर सकता है। अन्य राज्यों ने भी आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द आईएमपीडीएस को लागू किया जाएगा।
मंत्री ने बताया कि खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग वन नेशन वन राशन कार्ड के उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए युद्ध स्तर पर काम कर रहा है और अगले दो महीनों में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लाभार्थी पीडीएस की दुकानों का उपयोग कर पाएंगे। विभाग का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि इसे समयबद्ध तरीके से राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया जाए।