Over three dozen CAs under Reserve Bank lens for Bad loans menace
नई दिल्ली। फंसे कर्ज मामले में रिजर्व बैंक (RBI) की कारवाई के चलते तीन दर्जन से अधिक चार्टर्ड एकाउटेंट जांच के घेरे में हैं। उन पर प्रवर्तकों के साथ मिलकर बैंकों के कर्ज भुगतान में धोखाधड़ी करने और दबाव वाली संपत्ति का पुनर्गठन करने में मदद का आरोप है। ऐसे समय जब काफी संख्या में दबाव वाली कंपनियां ऋण शोधन एवं दिवाला संहिता के अंतर्गत आ रही हैं, केंद्रीय बैंक ऐसी इकाइयों से जुड़े प्रमुख लोगों की भूमिका पर भी गौर कर रहा है।
सूत्रों ने बताया कि रिजर्व बैंक विभिन्न कंपनियों द्वारा लिये गये कर्ज के फंसने के मामलों में 35 से 40 चार्टर्ड एकाउटेंट की भूमिका पर गौर कर रहा है। नियामक इस बात पर भी गौर कर रहा है कि क्या इन चार्टर्ड एकाउटेंट ने कर्ज नहीं लौटाने के लिये इकाइयों की गलत तरीके से मदद की और उन्हें फंसी संपत्ति के पुनर्गठन में सहायता की। इस बारे में भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (ICAI) को ई - मेल के जरिये सवाल पूछे गये , लेकिन अब तक उनकी तरफ से जवाब नहीं आया। ICAI विभिन्न मुद्दों पर रिजर्व बैंक के साथ मिलकर काम कर रहा है।
जानबूझकर कर्ज नहीं लौटाने वाली कंपनियों के साथ संदिग्ध गंतिविधियों में शामिल होने को लेकर चार्टर्ड एकाउटेंट पर शिकंजा कसने की बात ऐसे समय सामने आयी है जब कई दबाव वाली संपत्ति ऋण शोधन समाधान प्रक्रिया के दायरे में आयी हैं। जौहरियों नीरव मोदी और मेहुल चौकसी की पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में 13,000 करोड़ रुपये से अधिक धोखाधड़ी की बात सामने आने के बाद बैंकों में NPA की समस्या सुर्खियों में है। ICAI की एक उच्च स्तरीय समिति PNB घोटाले की जांच कर रही है। उसका मकसद मामले में प्रणालीगत मुद्दों को समझना तथा उसमें सुधार के बारे में सुझाव देना है।



































