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प्याज की गिरती कीमत पर व्यापारियों ने कहा, प्याज उत्पादकों को मुआवजा और निर्यात बढाने की अनुमति दे सरकार

प्याज की गिरती कीमतों का सामना करते हुए व्यापारियों ने इस मुद्दे का समाधान करने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप की मांग की है।

Abhishek Shrivastava Abhishek Shrivastava
Published on: May 24, 2016 16:08 IST
प्याज की गिरती कीमतों से व्‍यापारी परेशान, सरकार से मांगा मुआवजा और निर्यात बढ़ाने की अनुमति- India TV Paisa
प्याज की गिरती कीमतों से व्‍यापारी परेशान, सरकार से मांगा मुआवजा और निर्यात बढ़ाने की अनुमति

मुंबई। प्याज की गिरती कीमतों का सामना करते हुए नासिक के लासालगांव के एपीएमसी के सदस्यों और व्यापारियों ने विभिन्न नीतिगत उपायों के जरिए इस मुद्दे का समाधान करने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस के हस्तक्षेप की मांग की है। उनके एक प्रतिनिधिमंडल ने ज्ञापन दिया है कि प्रदेश सरकार निर्यात बढ़ाने की अनुमति दे, प्याज उत्पादकों को मुआवजा दे अथवा किसानों को भारी घाटा होने से रोकने के लिए अतिरिक्त प्याज की खरीद करे।

व्यापारियों ने कहा है कि राष्ट्रीय कृषि सहकारिता विपणन महासंघ द्वारा 700 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर प्याज खरीदे जाने के बावजूद थोक बिक्री बाजार में प्याज की कीमतें काफी गिर रही हैं। कृषि उत्पाद विपणन महासंघ (एपीएमसी), लासालगांव के अध्यक्ष जयदत्ता होल्कर ने कहा कि चालू वर्ष में पिछले वर्ष 2014-15 के मुकाबले 13.88 लाख टन अतिरिक्त प्याज की मात्रा का उत्पादन हुआ है। उन्होंने कहा, महाराष्ट्र में 203.15 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ है, जिसमें से 42.80 लाख टन बिक्री के लिए एपीएमसी को भेजा गया है। पिछले वर्ष यह मात्रा मात्र 35 लाख टन ही थी। इसका मतलब है कि इस वर्ष प्याज का अधिशेष उत्पादन हुआ है और इस प्रकार प्याज की कीमतों में भारी गिरावट आई है।

होल्कर ने कहा, पिछले वर्ष प्याज की अधिकतम फसल बेमौसम बरसात और ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई थी। अंतत: कीमतों में गिरावट आई और केंद्र सरकार ने निर्यात कर को बढ़ाकर प्याज के निर्यात पर अप्रत्यक्ष रूप से रोक लगाई थी। यद्यपि स्थानीय बाजार में प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए यह फैसला किया गया था, लेकिन इससे हमारी अंतरराष्ट्रीय बिक्री प्रभावित हुई।

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प्रतिनिधिमंडल ने हाल में फड़णवीस से मुलाकात की और मांग की कि प्रदेश सरकार केंद्र को सिफारिश भेजे कि प्याज उत्पादकों को मुआवजा दिया जाए क्योंकि कीमतें घटकर 400 से 700 रुपए प्रति क्विंटल रह गई हैं। होल्कर ने कहा, हमने मांग की है कि सरकार हमें प्याज के निर्यात के लिए सहायता के बतौर 300 से 400 रुपए प्रति क्विंटल की सब्सिडी दे। प्याज खरीद करने की प्रमुख एजेंसी नाफेड को 1,500 रुपए प्रति क्विंटल की दर से प्याज की खरीद करनी चाहिए तथा केंद्र सरकार किसानों को उत्पादन लागत पर 50 फीसदी का मुनाफा देने के अपने आश्वासन को पूरा करना चाहिए।

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