नई दिल्ली। महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने देश के बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार पर प्रसन्नता जताते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि इसका उपयोग बुद्धिमता के साथ वृद्धि की राह पर लौटने की दिशा में किया जाना चाहिये। उन्होंने इसके साथ ही याद दिलाया कि करीब 30 साल पहले भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग शून्य हो गया था। उन्होंने भारत के विदेशी मुद्रा भंडार से संबंधित एक आलेख को ट्वीट करते हुए यह टिप्पणी की। संबंधित आलेख के अनुसार, भारत का विदेशी मुद्रा भंडार करीब 500 अरब डॉलर के करीब पहुंच गया है। मौजूदा 493 अरब डॉलर का भंडार अगले 17 महीने तक की आयात जरूरतों के लिये पर्याप्त है।
महिंद्रा ने कहा, ‘‘30 साल पहले भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग शून्य हो गया था। अब हमारे पास तीसरा सबसे बड़ा वैश्विक भंडार है।" उन्होंने कहा, "इस अनिश्चित समय में यह खबर मनोबल बढ़ाने वाली है। अपने देश की क्षमता को मत भूलें और आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर वापस आने के लिये इस संसाधन का बुद्धिमता से उपयोगल करें।" आलेख में कहा गया है कि भारत पहले ही विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में रूस और दक्षिण कोरिया से आगे निकल गया है। अब भारत चीन और जापान के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है।