Friday, April 26, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. भारत में इलाज कराना है बहुत महंगा, पिछले 10 साल में मेडिकल खर्च 265% तक बढ़ा

भारत में इलाज कराना है बहुत महंगा, पिछले 10 साल में मेडिकल खर्च 265% तक बढ़ा

भारत में इलाज कराना बहुत महंगा है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे जोरशोर से राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा योजना का प्रचार और प्रसार कर रहे हैं।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Updated on: April 19, 2016 8:17 IST
Health is Wealth: भारत में इलाज कराना है बहुत महंगा, पिछले 10 साल में मेडिकल खर्च 265% तक बढ़ा- India TV Paisa
Health is Wealth: भारत में इलाज कराना है बहुत महंगा, पिछले 10 साल में मेडिकल खर्च 265% तक बढ़ा

नई दिल्‍ली। भारत में इलाज कराना बहुत महंगा है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूरे जोरशोर से राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य सुरक्षा योजना का प्रचार और प्रसार कर रहे हैं। इस योजना के तहत प्रत्‍येक परिवार को बहुत ही कम प्रीमियम पर एक लाख रुपए का स्‍वास्‍थ्‍य बीमा प्रदान किया जा रहा है। यह भारत की चरमराती स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल प्रणाली को ठीक करने का एक संभावित उपाय हो सकता है। लेकिन जिस तरह पिछले एक दशक के दौरान भारत में स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल की लागत में इजाफा हुआ है उसे देखते हुए पीएम मोदी की योजना नाकाफी लगती है। चार सदस्‍यों के एक परिवार को एक लाख रुपए का स्‍वास्‍थ्‍य बीमा आज के हालात को देखते हुए बहुत कम है।

पिछले वर्षों की तुलना में देखे तो मौजूदा वक्‍त में भारतीय अस्‍पतालों के ज्‍यादा चक्‍कर लगा रहे हैं। यह उनके स्‍वास्‍थ्‍य के लिए अच्‍छा है, हालांकि, यह जरूरी नहीं है कि यह उनकी जेब के लिए भी अच्‍छा हो। पिछले दस सालों के दौरान भारत में स्वास्थ्य देखभाल की लागत आश्‍चर्यजनकढंग और तेजी से बढ़ रही है। राष्‍ट्रीय नमूना सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) के 2004 की रिपोर्ट के मुताबिक एक दशक पहले शहरी क्षेत्रों में प्रत्‍येक 1000 भारतीय में से तकरीबन 31 लोग हर साल अस्‍पताल में भर्ती (बच्‍चे के जन्‍म को छोड़कर) होते थे। एनएसएसओ की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में प्रत्‍येक 1000 भारतीय में से 44 लोग हर साल अस्‍पताल में भर्ती हो रहे हैं।

ग्रामीण इलाकों में भी यही स्थिति है। यह इस बात का भी संकेत है कि स्‍वास्‍थ्‍य सुविधाओं का विस्‍तार हो रहा है तथा लोगों की इस तरह की सुविधाओं तक पहुंच आसान हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक 2014 में 42 फीसदी ग्रामीण मरीज सरकारी अस्‍पतालों में गए। यह स्थिति 2004 के समान ही है। हालांकि, शहरी इलाकों में सरकारी अस्‍पतालों में मरीजों की संख्‍या घटी है, जबकि प्राइवेट अस्‍पतालों में बढ़ी है।

स्‍वास्‍थ्‍य देखभाल की लागत में इतनी अधिक वृद्धि भारत की बड़ी और गैर बीमित जनसंख्‍या के हित में नहीं है। 85 फीसदी से अधिक ग्रामीण जनसंख्‍या और 82 फीसदी से ज्‍यादा शहरी लोगों के पास स्‍वास्‍थ्‍य खर्च के लिए कोई समर्थन नहीं है। एनएसएसओ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ग्रामीण और शहरी इलाकों में गरीब परिवार इस तरह के कवरेज से अनभिज्ञ हैं या उन तक इनकी पहुंच नहीं है।

पिछले दस सालों में विभिन्‍न राज्‍यों में मेडिकल खर्च में हुई बढ़ोतरी

Capture

अधिकांश लोग संक्रमण के कारण अस्‍पताल में भर्ती हुए, लेकिन कैंसर और रक्‍त संबंधी बीमारियों का इलाज कराने वाले मरीजों की संख्‍या में भी अच्‍छीखासी वृद्धि हुई है।

स्‍वास्‍थ्‍य सेवाओं का विस्‍तार होने के साथ ही इसकी लागत में भी कई गुना वृद्धि हुई है। 2004 से 2014 के बीच उदाहरण के लिए, शहरी मरीजों के लिए अस्‍पताल में भर्ती होने का औसत खर्च 176 फीसदी बढ़ चुका है। ग्रामीण मरीजों के लिए यह खर्च 160 फीसदी बढ़ा है। इसी अवधि में भारत की जीडीपी प्रति व्‍यक्ति, क्रय शक्ति समानता (मौजूदा डॉलर भाव पर) 121 फीसदी बढ़ी है।

पिछले दस सालों के दौरान अस्‍पताल में भर्ती होने के खर्च के आधार पर देश के 10 सबसे महंगे राज्‍यों में पिछले दस साल के दौरान अस्‍पताल में भर्ती होने की लागत में 83 फीसदी से लेकर 265 फीसदी तक वृद्धि हुई है।

Source: QUARTZ

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement