Expensive Abroad Travel: आप विदेश यात्रा की योजना बना रहे हैं तो 1 जुलाई 2023 से अधिक खर्च करने के लिए तैयार रहें। ऐसा इसलिए क्योंकि केंद्रीय बजट 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स यानी टीसीएस को बढ़ाकर 20 फीसदी करने का प्रस्ताव दिया है। वर्तमान में, 7 लाख रुपये से अधिक के विदेशी जावक प्रेषण पर 5 प्रतिशत का टीसीएस लागू है। मान लीजिए, यदि आप विदेश यात्रा करना चाहते हैं और 10 लाख रुपये को अमेरिकी डॉलर में बदलना चाहते हैं तो आपका बैंक 10 लाख रुपये पर 20 प्रतिशत का टीसीएस काटेगा, जो 2 लाख रुपये होगा, जिसे बाद में आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करते समय दावा और समायोजित किया जा सकता है। इसी तरह, यदि आप रुपये को विदेश में निवेश के उद्देश्य से परिवर्तित कर रहे हैं, तो भी आपको अधिक भुगतान करने की आवश्यकता है क्योंकि टीसीएस के रूप में 20 प्रतिशत अलग रखा जाएगा। यह एक ऐसे समय में आया है जब विदेशी बाजारों में प्रत्यक्ष निवेश लोकप्रिय हो गया है।
RBI की इस योजना का असर
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की उदारीकृत प्रेषण योजना (Liberalised Remittance Scheme) का उपयोग करके विदेशों में निवेश और खर्च किया जाता है, जो सभी निवासी भारतीयों के लिए उपलब्ध है। इस योजना के माध्यम से एक व्यक्ति इस तरह के लेनदेन के लिए प्रति वित्तीय वर्ष में 250,000 डॉलर तक भेज सकता है। शिक्षा या चिकित्सा उपचार के उद्देश्य से 7 लाख रुपये से कम की राशि या कुल राशि के मामले में यह टैक्स लागू नहीं होता है।
इंडिगो के पास सबसे अधिक बाजार हिस्सेदारी
भारत सरकार ने पिछले दो साल में सबसे अधिक टेक्निकल खराबी जैसी अन्य दूसरी गड़बड़ियों को अंजाम देने वाली फ्लाइट कंपनियों की एक लिस्ट जारी की है, जिसमें इंडिगो (Indigo) का नाम सबसे ऊपर है। देश में वर्ष 2021 और 2022 के दौरान विभिन्न विमानों में तकनीकी खराबी की कुल 1090 घटनाएं दर्ज की गई हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, इंडिगो के पास सबसे अधिक बाजार हिस्सेदारी है, जिसमें तकनीकी खराबी के 394 मामले दर्ज किए गए, जबकि स्पाइसजेट एयरलाइन में पिछले दो वर्षो के दौरान 313 ऐसे मामले आए। बता दें कि इंडिगो के बेड़े में 300 विमान हैं, जबकि स्पाइसजेट के बेड़े में करीब 100 विमान हैं। इस तरह के मामले कई बार किसी बड़ी घटना का कारण बन जाते हैं।