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नींद से पहले RBI की ये खबर पढ़ झूम उठेंगे आप, ऐसे नहीं भारत को कहा जाता था 'सोने की चिड़िया'

India is called 'Golden Bird': भारत में सोने की भंडार में बढ़ोतरी के साथ इससे मिलने वाले रिटर्न में भी उछाल देखा गया है। आइए जानते हैं कि हमने इस बात का जिक्र क्यों किया है कि भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था?

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published : May 08, 2023 22:41 IST, Updated : May 08, 2023 22:41 IST
Gold Reserve Increase- India TV Paisa
Photo:FILE Gold Reserve Increase

Gold Reserve Increase: भारतीय रिजर्व बैंक का स्वर्ण भंडार इस साल मार्च के अंत में सालाना आधार पर 34.22 टन बढ़कर 794.64 टन रहा है। बीते वर्ष मार्च अंत तक रिजर्व बैंक के पास 760.42 टन का स्वर्ण भंडार था। इसमें 11.08 टन का स्वर्ण जमा शामिल है। केंद्रीय बैंक ने विदेशी मुद्रा भंडार का प्रबंधन :अक्टूबर-2022 शीर्षक से जारी छमाही रिपोर्ट में कहा, ‘‘रिजर्व बैंक के पास इस साल मार्च अंत तक 794.64 टन स्वर्ण भंडार (56.32 टन स्वर्ण जमा समेत) था।’’ रिपोर्ट के अनुसार, इसमें से 437.22 टन सोना विदेशों में बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स (बीआईएस) में सुरक्षित रखा गया है। जबकि 301.10 टन सोना देश में रखा गया है। मूल्य के हिसाब से कुल विदेशी मुद्रा भंडार में सोने की हिस्सेदारी मार्च, 2023 में बढ़कर 7.81 प्रतिशत हो गयी जो सितंबर, 2022 में 7.06 प्रतिशत थी। 

विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी के साथ सोने से मिल रहा बंपर रिटर्न

छमाही के दौरान मुद्रा भंडार इस साल मार्च में बढ़कर 578.45 अरब डॉलर रहा, जो सितंबर, 2022 में 532.66 अरब डॉलर था। विदेशी मुद्रा भंडार में विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां, सोना, विशेष आहरण अधिकार और अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष में रखा भंडार शामिल हैं। यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि भारत में सोने की भंडार में बढ़ोतरी के साथ इससे मिलने वाले रिटर्न में भी उछाल देखा गया है। 2022 में भी शेयर बाजार ने निवेशकों को नकारात्मक रिटर्न दिया था। इस साल भी अभी तक निवेशकों को निराश किया है। वहीं, सोने में तेजी का दौर जारी रहने से इसमें निवेश करने वाले निवेशकों की शानदार कमाई हो रही है। इस साल जनवरी से अप्रैल तक सोने और चांदी ने निवेशकों को 10 फीसदी का रिटर्न दे दिया है। वहीं, पिछले साल सोना ने 13.5 फीसदी और चांदी ने 9.45 फीसदी का रिटर्न दिया था। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने एक रिपोर्ट में ये बात कही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह साल सुरक्षित निवेश का साल है। वैश्विक मंदी, भू-राजनीतिक अनिश्चितता के साथ-साथ ब्याज दरों में धीमी बढ़ोतरी की वजह से सोने की कीमतें बढ़ी हैं।

705 टन सोने का आयात किया था

भारत ने 2021 में 1,050 टन सोने का आयात किया, 2022 में उसने 705 टन सोने का आयात किया था। दूसरी ओर, चांदी के आयात ने 2022 में सब को चौंका दिया, जो कि 9,500 टन था। उच्च कीमतों के बीच, सोने की खरीददारी में बाजार में कुछ मजबूती है। घरेलू मोर्चे पर, गोल्ड ईटीएफ में प्रमुख फंड हाउसों के कुल एयूएम के साथ 17,000 करोड़ रुपये से ऊपर जाने के साथ अच्छा ट्रैक्शन देखा गया है। मांग में वृद्धि का एक कारण आरबीआई की सोने की खरीददारी है जो लगातार बढ़ रही है। पिछले 10 वर्षों से सेंट्रल बैंक बड़ा खरीददार रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि डब्ल्यूजीसी के अनुसार, केंद्रीय बैंक की खरीद का मौजूदा पैमाना बहुत बड़ा है - पिछले एक दशक में औसतन 512 टन। सोने के बाजार को जो समर्थन मिल रहा है उसकी बड़ी वजह रूस-यूक्रेन युद्ध और चीन-ताइवान भू-राजनीतिक तनाव है।

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