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अच्छे दिनों के दिखे संकेत, 'विजय पथ' की ओर चल रही भारत की आर्थिक यात्रा

Indian Economy: नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगड़िया ने कहा है कि 2000 का नोट वापस मंगाने के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के फैसले से अर्थव्यवस्था पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ेगा।

Vikash Tiwary Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: May 22, 2023 23:49 IST
Indian Economy inflation- India TV Paisa
Photo:FILE Indian Economy inflation

Indian Economy inflation: भारत की आर्थिक यात्रा महंगाई पर लगाम लगाने की दिशा में तेजी से आगे की ओर बढ़ रही है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश की आर्थिक वृद्धि अप्रैल-जून तिमाही में निजी खपत में बढ़ोतरी से संचालित होगी। साथ ही इसे ग्रामीण मांग में सुधार और विनिर्माण क्षेत्र में उछाल से समर्थन मिलेगा। भारतीय रिजर्व बैंक के एक लेख में यह बात कही गई। सोमवार को जारी हुए इस लेख के मुताबिक वैश्विक अर्थव्यवस्था धीमी वृद्धि और उच्च महंगाई से जूझ रही है और वैश्विक वित्तीय बाजारों में एक असहज शांति बनी हुई है। बाजार बैंकिंग विनियमन और जमा बीमा पर नीति अधिकारियों से स्पष्ट संकेतों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। 'अर्थव्यवस्था की स्थिति' पर लेख में कहा गया कि अप्रैल और मई के पहले पखवाड़े में घरेलू आर्थिक दशाओं ने 2022-23 की अंतिम तिमाही की गति को बनाए रखा है। 

ये हैं आंकड़ें

नवंबर 2021 के बाद पहली बार उपभोक्ता कीमतों पर आधारित महंगाई अप्रैल 2023 में पांच प्रतिशत से नीचे आ गई। कॉरपोरेट आय उम्मीद से बेहतर है और बैंकिंग तथा वित्तीय क्षेत्रों में प्रदर्शन मजबूत बना हुआ है। लेख के मुताबिक, 2023-24 की पहली तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि निजी खपत से संचालित होने की उम्मीद है। इसे ग्रामीण मांग और सेवा क्षेत्र में सुधार से समर्थन मिलेगा। लेख को आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा के नेतृत्व वाली टीम ने लिखा है। केंद्रीय बैंक ने कहा कि लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं और भारतीय रिजर्व बैंक के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।

2000 के नोट वापस लेने के फैसले से भी नहीं पड़ेगा असर

नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगड़िया ने कहा है कि 2000 का नोट वापस मंगाने के भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के फैसले से अर्थव्यवस्था पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं पड़ेगा क्योंकि ऐसे वापस हुए नोटों के स्थान पर उसी कीमत में कम मूल्यवर्ग के नोट जारी कर दिए जाएंगे। पनगड़िया ने कहा कि इस कदम के पीछे संभावित मकसद अवैध धन की आवाजाही को और मुश्किल बनाना है। उन्होंने कहा कि हम इसका अर्थव्यवस्था पर कोई प्रत्यक्ष प्रभाव नहीं देखेंगे। 2,000 के नोट की कितनी भी राशि को बराबर कीमत में कम मूल्यवर्ग के नोटों से बदल दिया जाएगा या जमा कर दिया जाएगा। इसलिए धन प्रवाह पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। पनगरिया ने कहा कि 2,000 रुपये के नोट वर्तमान में जनता के हाथों में कुल नकदी का केवल 10.8 प्रतिशत है और इसमें से भी ज्यादातर राशि का उपयोग संभवत: अवैध लेनदेन में होता है। 

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