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Home Loan Prepayment: क्या यही है होम लोन के प्री-पेमेंट का राइट टाइम, जानिए कैसे उठाएं फायदा

जब हम पूर्व भुगतान करते हैं तो यह पूरी रकम मकान के कर्ज की मूल राशि यानी से एडजस्ट कर दी जाती है। जब मूलधन कम होता है तो इसका असर EMI पर दिखेगा।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : May 23, 2022 19:47 IST
home loan prepayment- India TV Paisa
Photo:HOME LOAN

home loan prepayment

Home Loan Prepayment: होम लोन ग्राहकों के लिए महंगे दिनों की शुरुआत हो चुकी है। इसी महीने आकस्मिक बैठक में रिजर्व बैंक रिवर्स रेपा रेट में बढ़ोत्तरी कर चुका है। जिसके परिणाम स्वरूप लगभग सभी बैंक किस्तों की दर बढ़ा चुके हैं। मई तो पहली किस्त थी, जून में आरबीआई द्वारा रेपो रेट में एक और वृद्धि लगभग तय है। ऐसे में हर किसी के मन में यही सवाल आ रहा है कि बढ़ती महंगाई में ईएमआई को कैसे कंट्रोल किया जाए। 

विशेषज्ञ बताते हैं कि इस मुश्किल दौर में किस्तों की मार से बचने के लिए प्री पेमेंट एक अच्छा विकल्प हो सकता है। अगर आपको अपने आफिस से या फिर किसी भी अन्य जगह से कोई एकमुश्त रकम मिल गई है तो आप पूर्व भुगतान कर अपनी EMI को बढ़ने से रोक सकते हैं। 

प्री-पेमेंट से कैसे घटती है EMI 

जब हम एक मुश्त राशि पर कर्ज लेते हैं तो इसके साथ हमारी समयावधि भी जुड़ी होती है, जिसके आधार पर किस्ते तय की जाती है। जब हम पूर्व भुगतान करते हैं तो यह पूरी रकम मकान के कर्ज की मूल राशि यानी से एडजस्ट कर दी जाती है। जब मूलधन कम होता है तो इसका असर EMI पर दिखेगा।

आप दो तरह से स्थिर रखते हैं ब्याज दर

रिजर्व बैंक की वृद्धि के बाद जब आपका बैंक ब्याज की दरें बढ़ाता है तो इसका सीधा असर आप पर पड़ता है ओर आपके मौजूदा लोन पर इंटरेस्ट रेट भी बढ़ जाता है। ब्याज दरों को काबू में रखने के लिए आपका बैंक आपको दो विकल्प देता है या तो आप अपनी EMI बढ़वाएं या अपना टेन्योर बढ़वाकर। तीसरा विकल्प आप प्री पेमेंट कर अपना सकते हैं। लेकिन यह उन्हीं पर लागू होगा जिनके पास अतिरिक्त राशि की व्यवस्था है। 

दो तरह से होता है प्री-पेमेंट?

जब आप प्री-पेमेंट करते हैं, तो बैंक आपको अपनी लोन लायबिलिटी को फिर से एडजस्ट करने के लिए अलग-अलग विकल्प देता है। पहला विकल्प ये है कि EMI में कोई बदलाव नहीं होता है, लेकिन आपका टेन्योर कम हो जाता है। नतीजतन EMI की संख्या में कमी आती है। दूसरा विकल्प यह है कि आपका टेन्योर वही रहता है लेकिन EMI कम हो जाती है। 

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