Saturday, April 27, 2024
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भारत तेज आर्थिक वृद्धि हासिल करने के रास्ते पर, जोखिम से निपटने को RBI तैयार: दास

दास ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रही है। इनके बीच भारतीय अर्थव्यवस्था एक मजबूत वित्तीय प्रणाली के साथ वृहद आर्थिक मोर्चे पर मजबूती दिखा रही है। मजबूत वित्तीय प्रणाली वृद्धि को बढ़ावा दे रही है।

Alok Kumar Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: December 28, 2023 19:10 IST
Shaktikanta Das- India TV Paisa
Photo:PTI शक्तिकांत दास

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बृहस्पतिवार को कहा कि भारत वृद्धि की बढ़ती संभावनाओं के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक देश की अर्थव्यवस्था के समक्ष किसी भी जोखिम से निपटने के लिए तत्काल और निर्णायक कार्रवाई करने को प्रतिबद्ध है। दास ने आरबीआई की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (एफएसआर) के 28वें अंक की भूमिका में लिखा है कि टिकाऊ और भरोसेमंद स्तर पर मूल्य स्थिरता हासिल करना, मध्यम अवधि में कर्ज के स्तर पर स्थिरता सुनिश्चित करना, वित्तीय क्षेत्र को और मजबूत करना, विकास के नए अवसर पैदा करना तथा समावेशी और हरित वृद्धि को बढ़ावा देना नीतियों के स्तर पर प्रमुख प्राथमिकता बनी हुई है। रिपोर्ट वित्तीय स्थिरता के मार्चे पर जोखिम और भारतीय वित्तीय प्रणाली की मजबूती को लेकर वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (एफएसडीसी) की उप-समिति के सामूहिक मूल्यांकन को दर्शाती है। दास ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रही है। इनके बीच भारतीय अर्थव्यवस्था एक मजबूत वित्तीय प्रणाली के साथ वृहद आर्थिक मोर्चे पर मजबूती दिखा रही है। मजबूत वित्तीय प्रणाली वृद्धि को बढ़ावा दे रही है। 

किसी भी जोखिम से निपटने में सक्षम

उन्होंने कहा, ‘‘हम किसी भी जोखिम को बढ़ने से रोकने के लिए तत्काल और निर्णायक कार्रवाई करने को लेकर सतर्क और प्रतिबद्ध हैं।’’ आरबीआई गवर्नर ने यह भी कहा कि खुदरा कर्ज के कुछ खंडों के प्रति बैंकों के ‘उत्साह’ को रोकने के लिए केंद्रीय बैंक ने हाल में कदम उठाये है। यह अर्थव्यवस्था की वास्तविक जरूरतों के लिए कोष की उपलब्धता से समझौता किए बिना वित्तीय स्थिरता बनाए रखने की उसकी प्रतिबद्धता को बताता है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत वृद्धि की बढ़ती संभावनाओं के साथ दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। वृद्धि में तेज उछाल, मजबूत वृहद आर्थिक बुनियाद, मजबूत घरेलू मांग और सार्वजनिक नीतियों के स्तर पर सूझबूझ का नतीजा है।’’ 

कई नई चुनौतियां सामने आई 

दास ने कहा कि निश्चित रूप से देश वैश्विक स्तर पर संकट और तकनीकी बदलावों से उत्पन्न स्थिति, साइबर जोखिम और जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में आरबीआई का प्रयास वित्तीय प्रणाली को मजबूत करना, जिम्मेदार नवोन्मेष को बढ़ावा देना और समावेशी वृद्धि को बढ़ावा देने पर बना हुआ है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक और अन्य वित्तीय नियामक वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने तथा एक ऐसी वित्तीय प्रणाली को बढ़ावा देने में लगे हुए हैं जो झटकों से निपटने में सक्षम हो और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने वाली हो।’’ 

अगले साल भी सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था रहेगा

मजबूत उपभोक्ता मांग के दम पर भारत 2024 में भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रह सकता है। इससे निर्माण, आतिथ्य, रेलवे तथा विमानन सहित बुनियादी ढांचा जैसे क्षेत्रों में निवेश में बढ़ोतरी होगी। उद्योग मंडल एसोचैम ने बृहस्पतिवार को यह बात कही। भारत ने दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था का तमगा बरकरार रखा है। सरकारी खर्च तथा विनिर्माण से मिले प्रोत्साहन के दम पर चालू वित्त वर्ष 2023-24 की जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर उम्मीद से कहीं अधिक 7.6 प्रतिशत रही है। जीडीपी में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि ज्यादातर अनुमानों से कहीं अधिक है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल की समान तिमाही में वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत, जबकि अप्रैल-जून तिमाही में 7.8 प्रतिशत थी। भारत की जीडीपी वृद्धि ने जुलाई-सितंबर में चीन की 4.9 प्रतिशत की वृद्धि को पीछे छोड़ दिया है। वहीं पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्थाएं उच्च ब्याज दर और ऊर्जा कीमतों का दबाव झेल रही हैं। 

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